प्रवासी श्रमिकों पर न्यायालय की टिप्पणी के लिए क्षमा मांगे मोदी : कांग्रेस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 30 जून 2021

प्रवासी श्रमिकों पर न्यायालय की टिप्पणी के लिए क्षमा मांगे मोदी : कांग्रेस

congress-demand-modi-sorry
नयी दिल्ली 29 जून, कांग्रेस ने कहा है कि कोरोना का प्रसार रोकने के लिए लॉकडाउन लगाये जाने के दौरान प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर उच्चतम न्यायालय ने जो टिप्पणी की है, उसे देखते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रवासी श्रमिकों से बिना शर्त क्षमा मांगनी चाहिए। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि जिन दिक्कतों का सामना लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को करना पड़ा है, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार का रवैया प्रवासी श्रमिकों के साथ अमानवीय और अक्षम रहा है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की दुर्दशा को लेकर सरकार के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सरकार को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण की योजनाओं को क्रियान्वित करने का निर्देश दिया है। उनका कहना था, इसे देखते श्री मोदी को बिना शर्त क्षमा मांगनी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार ने खाद्य सुरक्षा से संबंधित कानून का जानबूझकर पालन नहीं किया है, इसलिए सरकार को सभी राज्यों में खाद्य सुरक्षा के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना चाहिए। प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि मोदी सरकार खाद्य सुरक्षा नीति का क्रियान्वयन पूरे देश में सुनिश्चित करेगी और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं: