बिहार : नॉट्रे डेम की संस्थापिका संत जूली का जन्मोत्सव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 13 जुलाई 2021

बिहार : नॉट्रे डेम की संस्थापिका संत जूली का जन्मोत्सव

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पटना. आज नॉट्रे डम सिस्टरों के लिए विशेष दिन है.नॉट्रे डेम की संस्थापिका संत जूली का जन्मोत्सव है.इस अवसर पर हार्टमन बालिका उच्च विघालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया. नव नियुक्त हार्टमन बालिका उच्च विघालय की प्राचार्या सिस्टर मेरी विध्या ने कहा कि संत जूली बिलियर्ड एक महान हस्ति थीं.उनका जन्म 12 जुलाई 1751को हुआ था.संत जूली को 22 जून1969 को संत पापा द्वारा संत घोषित किया गया.संत को 13 मई 1906 को धन्य घोषित किया गया था 8 अप्रैल को संत जूली का feast day है. उन्होंने कहा कि नॉट्रे डेम समाज की स्थापना 1804 में संत जूली बिलियर्ट (1751-1816) द्वारा फ्रांस में नोट्रे डेम डी नामुर की बहनों की मंडली के रूप में की गई थी.वहां से 1850 में जर्मनी के कोएसफेल्ड में नॉट्रे डेम की बहनों की मंडली का गठन किया गया, जहां से शैक्षिक, सामाजिक और चिकित्सा सेवाओं की पेशकश करते हुए मिशन का प्रसार हुआ. उन्होंने कहा कि वह बड़ी ही साधारण और धार्मिक प्रवृत्ति की थी.  वह हमेशा ईश्वर कितना भला है कहते हुए अपने जीवन को बहुत ही शांति और सादगी की ओर ले जाकर कार्य किया.हार्टमन बालिका उच्च विघालय विगत 60 सालों से संत जूली संस्थापिका के धर्म बहने सिस्टर ऑफ नॉट्र डेम कार्य कर रही हैं. वे कुशलता के साथ गरीब और वंचित वर्ग की लड़कियों के शिक्षा के साथ उनके नैतिक विकास में भी कार्य करती आ रही हैं.  आज अपने हार्टमन बालिका उच्च विघालय में प्रार्थना सभा, नृत्य और निवेदन के द्वारा तथा साथ ही साथ बधाई के गीतों के साथ और संत जूली की स्मृति में केक काटकर बड़े ही हर्षोल्लास के साथ जन्मोत्सव मनाया गया. इसमें  प्रेमा और अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपना भरपूर सहयोग दिया. प्रधानाध्यापिका मेरी विद्या, सिस्टर हर्षिता एवं सिस्टर  Prima. सभी को बधाई गीत फूलों की माला और विशिंग कार्ड के द्वारा इस पर्व की बधाई दी गई. प्रतिमा दीपक ने प्रार्थना नित्य किया और प्रार्थना का संचालन में सहयोग दिया. अंत में सिस्टर मेरी विद्या ने सभी को धन्यवाद देते हुए संत जूली के जीवन के बारे में बड़े ही अद्भुत बातें बताए आर नॉट इट एंड सिस्टर्स के आगे बढ़ने की कहानी बताएं.

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