देश के शिक्षण समुदाय को प्रधानमंत्री कल करेंगे संबोधित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 28 जुलाई 2021

देश के शिक्षण समुदाय को प्रधानमंत्री कल करेंगे संबोधित

  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पहली वर्षगांठ के अवसर पर कई महत्वपूर्ण पहलों को लॉन्च करेंगे
  • एनईपी 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में ये पहल एक महत्वपूर्ण कदम है

pm-talk-to-academician-tomorow
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सुधारों के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में 29 जुलाई 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर के शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में नीति निर्माताओं, छात्रों, शिक्षकों को संबोधित करेंगे। वह इस दौरान शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई पहल की भी शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यक्रम में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का शुभारंभ करेंगे जो उच्च शिक्षा में छात्रों के लिए कई प्रवेश और निकास का विकल्प प्रदान करेगा। इसके साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए दिशानिर्देश भी जारी करेंगे। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की जाने वाली पहलों में ग्रेड 1 के छात्रों के लिए तीन महीने का नाटक आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल विद्या प्रवेश, माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा; एनआईएसएचटीएचए 2.0, एनसीआरटी द्वारा डिजाइन किया गया शिक्षक प्रशिक्षण का एक एकीकृत कार्यक्रम; सफल (सीखने के स्तर के विश्लेषण के लिए संरचित मूल्यांकन), सीबीएसई स्कूलों में ग्रेड 3, 5 और 8 के लिए एक योग्यता आधारित मूल्यांकन ढांचा और एक वेबसाइट जो पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समर्पित होगा, शामिल हैं।


इसके अलावा, यह कार्यक्रम राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा ढांचे (एनडीईएआर) और राष्‍ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के शुभारंभ का भी साक्षी बनेगा। ये सारी पहल एनईपी 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे शिक्षा क्षेत्र को अधिक जीवंत और सुगम बनाने में मदद मिलेगी। एनईपी, 2020 सीखने के परिदृश्य को बदलने वाला, शिक्षा को समग्र बनाने और एक आत्मानिर्भर भारत के लिए मजबूत नींव बनाने के लिए मार्गदर्शक के रूप में है। यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और चौंतीस वर्षीय पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई), 1986 की जगह लेती है। सबके लिए आसान पहुंच, इक्विटी, गुणवत्ता, वहनीयता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित यह नई शिक्षा नीति सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 के अनुकूल है और इसका उद्देश्य 21वीं सदी की जरूरतों के अनुकूल स्कूल और कॉलेज की शिक्षा को अधिक समग्र, लचीला बनाते हुए भारत को एक ज्ञान आधारित जीवंत समाज और ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति में बदलना और प्रत्येक छात्र में निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी मौजूद रहेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं: