त्रिपुरा में चराई जनजाति के सदस्य लौटे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 2 अगस्त 2021

त्रिपुरा में चराई जनजाति के सदस्य लौटे

charai-tribal-return-tripura
अगरतला, दो अगस्त, मिजोरम से विस्थापित ब्रू जनजाति के लोगों के साथ संघर्ष के बाद उत्तरी त्रिपुरा जिले के दामचेरा से असम के करीमगंज पलायन करने वाली चराई जनजाति के सदस्य घर लौटने लगे हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। पानीसागर के उपमंडलीय अधिकारी (एसडीएम) रजत पंत ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पड़ोसी राज्य असम पलायन करने वाली जनजाति से कम से कम 269 सदस्य रविवार शाम लौट आए। अब उन्हें एक स्कूल में आश्रय दिया गया है और उन्हें भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है... वे तब तक स्कूल में रहेंगे जब तक कि उनके घरों की मरम्मत नहीं हो जाती।’’ एसडीएम ने कहा कि जनजाति से कुछ और लोग असम में अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं और वे भी कुछ समय बिताने के बाद वापस आने के लिए तैयार हैं। उत्तरी त्रिपुरा जिले में कास्को ब्रू शिविर के पास ब्रू जनजाति के लोगों और स्थानीय आदिवासियों के बीच 26 जुलाई को हुई झड़प में 13 लोग घायल हो गए थे, जिसके बाद चराई जनजाति से 640 लोग असम के करीमगंज जिले के पाथरकंडी में मानिकबन गांव चले गए थे। उत्तरी त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक भानुपद चक्रवर्ती ने बताया कि अधिकारियों के साथ पानीसागर के विधायक बिनय भूषण दास ने शनिवार को मानिकबन का दौरा किया ताकि चराई जनजाति के लोगों को अपने-अपने घरों में लौटने के लिए मनाया जा सके।

कोई टिप्पणी नहीं: