पटना. जन संगठन एकता परिषद के संस्थापक प्रसिद्ध गांधीवादी पी.व्ही.राजगोपाल बिहार आ रहे हैं.पटना में 19 से 22 सितंबर तक रहेंगे.कोरोना काल में पहली बार पटना आ रहे हैं.यहां उनका व्यस्त कार्यक्रम है. एकता परिषद के राष्ट्रीय समिति के सदस्य प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि एकता परिषद बिहार के आमत्रंण पर एकता परिषद के संस्थापक प्रसिद्ध गांधीवादी आदरणीय पी.व्ही. राजगोपाल जी आ रहे हैं.उनका तीन दिनों तक व्यस्त कार्यक्रम निर्धारित है. राजगोपाल जी को राजा जी भी कहा जाता है. उन्होंने कहा कि राजगोपाल जी 19 सितंबर को पटना आने के बाद सीधे अनुग्रह नारायण समाज अध्ययन संस्थान पटना में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय परिसंवाद में शामिल हो जाएंगे.यहां पर भूमि सुधार विषयक पर परिसंवाद है.
उन्होंने कहा कि गांधीवादी चिंतक राजगोपाल जी 20 सितंबर को बिहार के नामी गिरामी सामाजिक व राजनैतिक नेताओं से मुलाकात करेंगे.इसके अलावे कुछ पुराने मित्रों के साथ बैठक और मिलने जुलने का कार्यक्रम करेंगे. उन्होंने कहा कि उसके अगले दिन अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर 21 सितंबर को बिहार विधान परिषद के सभागार में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. उसी दिन 21 सितंबर को नौबतपुर (पटना) से 12 दिवसीय न्याय शांति पदयात्रा का फ्लैग ऑफ करेंगे.22 सितंबर की सुबह भुवनेश्वर के लिए प्रस्थान कर जाएंगे. सर्वविदित है कि हरेक साल अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर को और अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को मनाया जाता है.जन संगठन एकता परिषद ने 21 सितंबर से 2 अक्टूबर तक 12 दिवसीय शांति न्याय पदयात्रा करने का निश्चय किया है. एकता परिषद के संस्थापक प्रसिद्ध गांधीवादी आदरणीय पी.व्ही. राजगोपाल जी के नेतृत्व में और उनकी प्रेरणा से एकता परिषद ने 21 सितंबर अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस से 2 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस से तक 12 दिवसीय शांति न्याय पदयात्रा भारत के 100 जिलों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.एकता परिषद के राष्ट्रीय समिति के सदस्य प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि बिहार के 15 जिलों में यात्रा आयोजित की जाएगी. बताया गया कि यात्रा के माध्यम से शांति और अहिंसा के प्रति लोगों में चेतना और न्याय के लिए स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए जन जागरण किया जाएगा.पदयात्रा के दौरान आम लोगों के माध्यम से सरकार से केंद्र और राज्य स्तर पर शांति मंत्रालय स्थापना की मांग की जाएगी. पदयात्रा के क्रम में शांति के लिए उपवास पर्यावरण सुरक्षा के लिए पहल सह भोज इत्यादि कार्यक्रम किए जाएंगे.
कौन हैं पी.व्ही.राजगोपाल
प्रसिद्ध गांधीवादी हैं पी.व्ही.राजगोपाल.जल,जंगल,जमीन के मुद्दे पर 2007 में जनादेश पदयात्रा का नेतृत्व किये.2012 में जन सत्याग्रह और 2018 में जन आंदोलन पदयात्रा का नेतृत्व किये.2007 में जनादेश पदयात्रा में तब के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने रामलीला मैदान दिल्ली और 2012 में जन सत्याग्रह पदयात्रा में तब के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आगरा में समझौते किये. तब भी राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति अब तक तैयार नहीं की गई.भूमि एवं आवासहीन परिवार को 10 डिसमिल (4360 वर्गफीट) जमीन देने का मसौदा तैयार भी नहीं हुआ.
आगरा समझौते के मुख्य बिंदु
-राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति का छह माह में मसौदा तैयार होगा.
-भूमि सुधार संबंधी कार्यदल का केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री की अध्यक्षता में गठन.
-कृषि एवं आवासीय भूमि के वैधानिक अधिकार : हर भूमिहीन को कृषि और रहने के लिए भूमि की गारंटी होगी.
-वास भूमि : इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत रहने के लिए लगभग 4350 वर्ग फुट जमीन.
-गरीबों, सीमांत किसानों और भूमिहीनों के लिए भूमि उपलब्धता और भूमि अधिकारों में बढ़ोतरी.
-भूमि के मामलों में न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन.
-पंचायत अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन.
-वन अधिकार अधिनियम 2006 का प्रभावी कार्यान्वयन.
-वन तथा राजस्व सीमा विवाद : वन एवं राजस्व विभागों के संयुक्त दल का गठन.
-सामुदायिक संसाधनों का सर्वेक्षण एवं नियंत्रण.
सफर सत्याग्रह का
-वर्ष 2006 : 500 सत्याग्रहियों की दिल्ली तक पदयात्रा
-वर्ष 2007 : 25 हजार सत्याग्रहियों की दिल्ली तक पदयात्रा
-वर्ष 2010 : 12500 सत्याग्रहियों का संसद के बाहर तीन दिन धरना
-वर्ष 2011 : देश में 80 हजार किमी यात्रा कर जागरूकता अभियान
-वर्ष 2012 : चालीस हजार सत्याग्रहियों के साथ ग्वालियर से दिल्ली कूच.आगरा में समझौता
- वर्ष 2018 : एक लाख सत्याग्रियों के साथ ग्वालियर से दिल्ली कूच.मध्य प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के कारण पदयात्रा स्थगित.
- वर्ष 2019 : नई दिल्ली से लंबी यात्रा शुरू की गयी.महात्मा गांधी का 150 वां जन्मदिन के अवसर पर आयोजित था.पदयात्रा 2 अक्टूबर 2019 से शुरू कर दूरी 9,500 किलोमीटर तय कर
2020 में "मार्च फॉर जस्टिस एंड पीस"पदयात्रा सत्याग्रह जिनेवा जाना था.महामारी कोरोना के कारण पदयात्रा स्थगित कर दी गयी. पी.व्ही.राजगोपाल नेतृत्व कर रहे थे.
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