- शिक्षा विरोधी है नीतीश सरकार, छात्र-छात्राओं को शिक्षा से वंचित करने की साजिश नहीं चलेगी.
- माले विधायक मनोज मंजिल व युवा नेता राजू यादव पर से मुकदमा वापस ले.
पटना 3 सितंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि नीतीश सरकार न केवल शिक्षा विरोधी है बल्कि धोखा देने वाली सरकार है. विगत दिनों भोजपुर के कोइलवर में हाईस्कूल का भवन गिराकर हाईवे बना दिया गया था. इसके खिलाफ आइसा-इनौस के नेतृत्व में ग्रामीणों ने हाईस्कूल के भवन के निर्माण का आंदोलन शुरू किया था. अगिआंव विधायक मनोज मंजिल, माले के युवा नेता राजू यादव भी इस आंदोलन में शामिल हुए थे. सैंकड़ों की तादाद में छात्र-छात्राओं व अभिभावकों ने सड़क पर ही स्कूल लगा दिया था. आंदोलन के दबाव में जिला प्रशासन ने हाईस्कूल का भवन निर्माण करवाने अथवा स्कूल की वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन दिया था. इसमें जिला प्रशासन की ओर से एडीएम, एसडीएम व डीईओ शामिल थे. प्रशासन के आश्वासन के बाद आंदोलन वापस ले लिया गया था. लेकिन बाद में जिला प्रशासन ने माले विधायक मनोज मंजिल, युवा नेता राजू यादव सहित 50 छात्र-छात्राओं व अभिभावकों पर मुकदमा थोप दिया. यहां तक कि सड़क पर स्कूल लगाने के लिए जिस टेंट का उपयोग किया गया था, उस टेंट वाले को भी गिरफ्तार कर लिया गया. इसके खिलाफ आज एक बार फिर सैंकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं का जुटान हुआ और उन्होंने प्रशासन की तानाशाही व धोखेबाजी के खिलाफ कोइलवर थाने का घेराव किया. आंदोलनकारी इन फर्जी मुकदमों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. माले राज्य सचिव कुणाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री विजय नारायण चैधरी से पूछा है कि क्या स्कूल की मांग करना भी आज की तारीख में अपराध हो गया है? यह सरकार बिहार में शिक्षा के विकास की डींगें मारते नहीं अघाती थी, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है. स्कूल के भवन या तो ध्वस्त पड़े हैं अथवा सरकार ही उन्हें गिरा दे रही है. बिहार में विगत 16 वर्षों में शिक्षा की हालत बद से बदतर होती गई, इसके लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा-जदयू की सरकार जिम्मेवार है. भाकपा-माले सभी आंदोलनकारियों पर लादे गए फर्जी मुकदमों की वापसी, गिरफ्तार टेंट वाले की अविलंब रिहाई और स्कूल के भवन के अविलंब निर्माण की मांग करती है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें