फादर हेनरी फर्नांडिस ने कहा कि 2 नवंबर का धार्मिक कार्यक्रम होगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 28 अक्तूबर 2021

फादर हेनरी फर्नांडिस ने कहा कि 2 नवंबर का धार्मिक कार्यक्रम होगा

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बेतिया. बेतिया पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फादर हेनरी फर्नांडिस ने कहा है कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 2 नवंबर 2021 को मृतक दिवस के अवसर पर पवित्र मिस्सा और कब्रों पर पवित्र जल का छिड़काव होगा.बेतिया पल्ली की कब्रिस्तान कमिटी  के सदस्य गण प्रयासरत हैं.इनके सहयोग से कब्रिस्तान में जल निकासी के लिए पम्प मशीन लगा दी गया. जहां पर जरूरत है वहां पर मिट्टी भरवाने का कार्य शुरू हो गया है. इसके आलोक में फादर हेनरी फर्नांडिस ने कहा कि 2 नवंबर का धार्मिक कार्यक्रम होगा.आप सभी पल्ली वासियों से निवेदन है कि आप अपने- अपने रिश्तेदारों के कब्र की साफ-सफाई  एवं मिट्टी भरने का कार्य कर सकते हैं ताकि मृतक दिवस की पूजन पद्धति का कार्यक्रम आप सभी पल्ली वासियों के सहयोग से संपन्न कराया जा सके. भविष्य में रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान में जलभराव न हो.इसको लेकर अनिश्चता का बादल नहीं छटा है.वर्तमान में जो कार्य हो रहा है,ऐसा प्रतीक नहीं लग रहा है.गोडेन अंतोनी ठाकुर का कहना है कि अभी किसी तरह से स्थाई नहीं लग रहा है.स्थाई होने के लिए समय देना होगा. आनंद सिरिल सेराफिम का कहना है कि कब्रिस्तान की समस्या हर वर्ष 2 नवंबर के महीने भर पहले से पल्ली पुरोहित, पल्ली परिषद और कब्रिस्तान कमिटी को नजर आने लगती है क्योंकि उन्हें मृतक दिवस का कार्यक्रम करवाना होता है.  फिर जैसे ही 2 नवंबर बीत जाता है सब समस्या डंडे बस्ते में चला जाता है. क्योंकि फिर उन्हें ख्रीस्त जयंती की तथा अन्य समारोहों की तैयारी करनी होती है.कुल मिलाकर उन्हें हर वर्ष खानापूर्ति करने की आदत सी हो गई है.जबकि आज इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है , साथ ही इस पर कठोर निर्णय लेने की भी जरूरत है ताकि इसका स्थाई और दूरगामी समाधान निकाला जा सके. उन्होंने कहा है कि हमलोगों को इस बात का अफसोस है कि ऐसा इन लोगों से होगा नहीं और न ही इनके वश की बात है क्योंकि कब्रिस्तान के लिए प्राप्त सरकारी राशि का जब उपयोग नहीं किया गया और पल्ली परिषद तथा कब्रिस्तान कमिटी मूकदर्शक बनी रही तो इनसे कोई भी उम्मीद नहीं की जा सकती है.रही बात स्थाई समाधान की तो इसका स्थाई समाधान है परंतु यह दो चार चाटुकार मिलकर न अपने कर सकते हैं और न ही किसी और को करने दे सकते हैं. परम्परा के अनुसार सामान्य दण्डमोचन उन लोगों को 1- 8 नवम्बर तक हर दिन प्राप्त हो सकता था जो कब्रिस्तान का दौरा करते और मृतकों के लिए प्रार्थना करते हैं खासकर 2 नवम्बर को, जो किसी एक गिरजाघर या प्रार्थनालय जाकर "हे पिता हमारे" एवं "प्रेरितों का धर्मसार" की प्रार्थना करते हैं.एक कार्डिनल ने कहा कि यह एक हृदय की भक्ति है जिसको मिस्सा बलिदान में सहभागी होकर और कब्रिस्तान का दौरा कर व्यक्त की जाती है यही कारण है  कि दण्डमोचन प्राप्त करने के समय का विस्तार किया गया है ताकि लोग बिना भीड़ किये कब्रिस्तान का दौरा कर सकें और पूरे नवम्बर माह में दण्डमोचन प्राप्त कर सकें.

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