सेना और पुलिस बलों की बदौलत हो रहा है देश में विकास : शाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021

सेना और पुलिस बलों की बदौलत हो रहा है देश में विकास : शाह

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श्रीनगर 25 अक्टूबर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि देश में आर्थिक विकास, इन्फ़्रास्ट्रक्चर, औद्योगिक विकास और शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन तथा निर्माण क्षेत्र में बहुत बड़े बदलाव आ रहे हैं, क्योंकि सेना और केंद्रीय पुलिस बलों के जवान मोर्चे पर डटे हैं जो सभी नापाक़ इरादों को धूल में मिलाने में सक्षम हैं। श्री शाह ने जम्मू-कश्मीर यात्रा के तीसरे दिन सोमवार को श्रीनगर के पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ़ कैंप में सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, “देश में आर्थिक विकास, इन्फ़्रास्ट्रक्चर, औद्योगिक विकास, देश की शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन, निर्माण क्षेत्र में बहुत बड़े बदलाव आ रहे हैं, क्योंकि सेना और सीएपीएफ़ के जवान मोर्चे पर डटे हैं और सभी नापाक़ इरादों को धूल में मिलाने में सक्षम हैं।” उन्होंने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में जो विकास का काम चल रहा है, हमें भरोसा है कुछ ही समय में दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में भारत अपना मज़बूत स्थान बना लेगा। उन्होंने कहा, “दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में 2014 में हम 11वें स्थान पर थे, आज 5वें से छठे स्थान पर हैं, 2024 तक हम तीसरे स्थान पर निश्चित ही पहुंच जाएंगे जो एक बड़ा मुक़ाम होगा।”


सीआरपीएफ के कैंप में पहुंचने के बाद श्री शाह ने कहा, “मैं सीआरपीएफ़ कैंप में जवानों के साथ एक रात बिताना चाहता हूं, आपके अनुभव और कठिनाइयों को जानना और जज़्बे को देखना चाहता हूं। मेरे तीन दिन के दौरे का सबसे महत्वपूर्ण आज का ये कार्यक्रम है।आप माइनस 43 से प्लस 43 डिग्री तापमान में 24 घंटे अलग-अलग जगह देश की सुरक्षा के लिए मुस्तैद हैं, इसीलिए देश चैन की नींद सो सकता है।” केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव चल रहा है और यह आज़ादी के सौ साल होंगे तब भारत कहां होगा, इसके लक्ष्य तय करने का भी समय है। 75वें साल में ही देश में जितने भी लोग देश के लिए अलग-अलग तरीक़े से काम कर रहे हैं, उन्हें अपना संकल्प और लक्ष्य तय करना है। इन सभी लक्ष्यों की पूर्ति तभी हो सकती है जब हम अपने देश को बुरी दृष्टि से देखने वालों से इसे सुरक्षित कर लें। उन्होंने कहा, “जब धारा 370 और 35ए हटाईं गई, तब कई अटकलें लगती थी कि बहुत बड़ी प्रतिक्रिया आएगी, रक्तपात की भी आशंका थी, लेकिन आपकी मुस्तैदी के कारण किसी को भी एक गोली भी नहीं चलानी पड़ी। लगभग सभी बलों के यहां 28 हज़ार से ज़्यादा जवान हैं, किसी रक्तपात के बिना कश्मीर में विकास के नए युग की शुरूआत हुई है। जिस पुलवामा को देश और दुनिया हमारे जवानों पर हुए निर्मम हमले के लिए जानते थे, उसी पुलवामा में आज 2000 करोड़ रूपए का मेडीकल कॉलेज बनने की शुरूआत हुई है, ये इतना बड़ा परिवर्तन है। अगर शांति, सुरक्षा हो, चुने हुए प्रतिनिधियों ने विकास के लिए ठान लिया हो, तो क्या हो सकता है, जम्मू कश्मीर इसका एक उदाहरण है।”


श्री शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास द्रुत गति से आगे बढ़ रहा है, निवेश आ रहा है, राष्ट्रीय स्तर के सभी संस्थान आ रहे हैं, जम्मू-कश्मीर को हर दृष्टि से बदलने की शुरूआत हुई है। मुझे पूरा भरोसा है कि मोदी जी का जम्मू-कश्मीर के विकास का स्वप्न जब पूरा होगा तब यहां हमेशा के लिए अमन चैन अपने जीवनकाल में ही देख सकेंगे कि जम्मू-कश्मीर में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से 2021 में नागरिकों की मौतों की संख्या 208 से घटकर 30 और सुरक्षाबलों के शहीद जवानों की संख्या 105 से घटकर 60 रह गई है, ये बताता है कि इस फ़ैसले को जम्मू-कश्मीर की अवाम ने भी स्वीकारा है। एक ज़माना था जब कश्मीर में पत्थरबाज़ी आम थी, लेकिन आज पत्थरबाज़ी की घटनाओं में भी बहुत कमी आई है आतंकवाद के ख़िलाफ़ नरेन्द्र मोदी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है क्योंकि ये मानवता के ख़िलाफ़ है और जो लोग इस गतिविधि में लिप्त हैं वो जघन्य कृत्य कर रहे हैं। सरकार ने सीएपीएफ़ के जवानों के लिए कई काम किए हैं। भारतवीर के तहत जो जवान कोविड के ख़िलाफ़ ड्यूटी करते हुए हमारे बीच में नहीं रहे, उनकी सहायता की गई । हमने आयुष्मान सीएपीएफ़ कार्ड अभी शुरू किया है, मेरा अनुरोध है कि हर जवान को दो कार्ड दिए जाएं, एक अपने लिए और एक अपने परिवार के लिए। अगर आपके परिवार में कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या आती है तो आयुष्मान कार्ड से असीमित स्वास्थ्य का ख़र्चा किए बिना पूरा उपचार कर सकते हैं। जब आप सीमा पर होते हैं, पुलवामा जैसी जगह पर होते हैं, तो आपके परिवार की चिंता भारत सरकार की होनी चाहिए और इसी संवेदनशीलता के साथ हमने इस योजना को लागू किया है। हमारे बलों ने जो विश्वसनीयता बनाई है, ये कठोर परिश्रम और बलिदान के जज़्बे के कारण बनी है, इसे जारी रखना होगा।

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