बिहार : कोशी नव निर्माण मंच के स्थापना दिवस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2021

बिहार : कोशी नव निर्माण मंच के स्थापना दिवस

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सुपौल। आज कोशी नव निर्माण मंच का स्थापना दिवस है। आज ही के दिन 13 वर्ष पहले अर्थात 21अक्टूबर 2008 को हमलोग मधेपुरा जिले  के बिहारीगंज प्रखण्ड के बभनगामा गाँव के पारा माउंट स्कूल में स्थापना हुई थी। तमाम उतार चढ़ाव व कठिनाइयों के बाद भी यह सफर जारी है। स्थापना काल से अब तक इस कार्य को बढ़ाने में लगे साथियों का जोरदार अभिवादन, इसका साथ व  सहयोग करने वाले सभी मित्रों को धन्यवाद। इस सफर में जो साथी हम लोगों से बिछड़  गए उन सभी को सादर नमन। आज भी चुनौतियां कम नही है आज ही देखिए सुपौल में सम्मेलन होना था पर वर्षा व तूफान से आयी कोशी तटबन्ध के बीच बाढ़ व उससे  हर जगह हुई फसलों की बर्बादी व अन्य तबहियों को देखते हुए इसकी तिथि 30 व 31 अक्टूबर को बढ़ानी पड़ी। इस तूफान, बाढ़ से पीड़ित सभी लोगों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते है। साथ ही उनकी क्षति, फसल क्षति, बाढ़ साहाय्य राशि को सरकार को तत्काल देना चाहिए। घोषणों से काम नही चलेगा, धरातल पर सभी को देना होगा। यदि सरकार व प्रशासन नही सुनता है तो हमलोग मजबूर होकर संघर्ष करने पर बाध्य होंगे। कोशी नव निर्माण मंच इन 13 सालों में लगातार कोशी के सवाल वहां के लोगों के मुद्दों को लेकर पूरी प्रतिवद्धता से लगा रहा है। सफलता असफलता किसी भी सामाजिक कार्य को मापने की कसौटी नही होती है हमलोग लगातार अपनी बातों को मजबूती से उठाए है अपनी छोटी ताकत के साथ अपने हिस्से व जिम्मेवारी का काम निभाने की पूरी कोशिश किए है। आगामी 24 अक्टूबर को मधेपुरा में कार्यकर्ता  सम्मेलन के दिन 13 वर्षों की झलक बताती हुई एक छोटी पुस्तिका भी लायी जा रही है। कोशी नव निर्माण मंच की स्थापना के मुख्य प्रेरणा श्रोत मेधा पाटकर, डॉक्टर संदीप पांडेय जैसे लोग तो है ही


21 अक्टूबर 2008 के दिन स्थापना बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता और पटना में मेरे अभिभावक स्वरूप अरशद अजमल जी के स्वर भी बार-बार गूंजते है वे जब सभी लोग सन्गठन बनाने की बात एक स्वर में कहे तो उनके अंदर की मजबूती को परखने के लिए अरशद जी कहे कि आप लोग सोच समझकर यह निर्णय कीजिए  महेन्द्र या हम या अन्य बाहरी लोग चले जायेंगे आप लोगों को ही सन्गठन चलानी है। सभी ने कहा कि हा हमलोग ही सन्गठन चलाएंगे। संगठन बनाने पर एक स्वर में मुहर लगी, फिर नाम पर मंथन हुआ, कोशी नव निर्माण अभियान में अनेक  संस्थाओ के नाम होने के कारण नया नाम कोशी नव निर्माण मंच चुना गया। सभी मिलकर  डुमरिया के युवा संदीप यादव को अध्यक्ष चुन दिए। बैठक में गया के सब्बीर साहब भी थे, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले  किसान नेता अनिल मिश्रा, बेचेलाल,  हरदोई के सुनील कुमार, पटना से गए जहीब अजमल, समस्तीपुर जिले के मनोज साहू,  गोपालगंज के सुरेश भाई इत्यादि तो थे ही पूरी बात चीत को पटना वोमेन्स कॉलेज से गयी छात्रा बंदना पाण्डेय ने लिखा था।  उस बैठक की अध्यक्षता शिक्षक मालाकर जी जो ग्वालपाड़ा प्रखण्ड के टेमाभेला पंचायत के कण्टाही गाँव के थे ने की थी। उस बैठक में अमित कुमार राना, दिलीप, दिलशाद आलम, आरके वर्मा, किन्नू, राजाराम यादव, लखन लाल, बिजेन्द्र ऋषिदेव, राजेन्द्र प्रसाद टुड्डू, छोटी मुखिया, अरुण कुमार यादव, नीरज, सन्तोष यादव, पंकज कुमार, दीपक कुमार, निर्मल पासवान, रत्न पासवान, अरविंद, विमलेश, बैजनाथ, यादव, बालेश्वर यादव, प्रमोद कुमार, राजो, संजय यादव, निर्मल, राधे दास, दीपक, बबलू कुमार, बिजल मण्डल, चंदन देवी, सीता देवी,रमन सिंह, शक्ति सिंह, संजीव कुमार, गौतम कुमार, राम सुन्दर राम, अमरेन्द्र कुमार डुमरिया के सरपंच, अर्जुन, राजकुमार, नीतीश, बालेश्वर दास, जनार्दन दास, उमेश, चन्द्र भूषण, विनोद, मनोज, कपिलदेव यादव, रघु ठाकुर, राजो यादव, देवनन्दन यादव, पुष्पदीप इत्यादि थे। यह सभी  राजू भाई के बगैर तो सम्भव ही नही होता,  हम जैसे अपरचित को वे अपने स्कूल में न सिर्फ जगह दिए बल्कि उनके पूरे परिवार के लोग आज भी इस सन्गठन के लोगों को भी अपने घर का सदस्य जैसा ही व्यहार करते है। 


पूर्णिया जिले श्रीनगर के साथी चिन्मयानंद सिंह उर्फ उत्तम जी, पटना के अधिवक्ता साथी मणिलाल जी , बेबी जी, सरफराज, पारादीप से आये अमित चित्रांसी, वाराणसी, चंदौली, हरदोई, देवरिया, इत्यादि जिलों के पच्चासों साथीयों, आशा परिवार,  नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथियों,  NAPM के साथियों ने कुसहा त्रासदी के बाद आकर उस क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत के साथ जागरूकता का जो कार्य किए थे उसी के विश्वास की बुनियाद पर संगठन का निर्माण हुआ। बाद में अनेक कठिनाइयां आयी रामजी बाबू, शम्भू भाई दुनिदत जी, प्रभात जी, बंटी भाई, रूपेश जी, शिवनन्दन मुखिया, त्रिलोक दास, शिशुपाल, अजय, चन्द्र किशोर जी, बिजेन्द्र जी, बिरेन्द्रजी,मंटू जी, प्रमोद, रणवीर जी, विजय जी, अवधेश जी, सतीश  जैसे अनेक लोग मजबूती से इसे आगे बढ़ाने में लगे है तो  सुपौल में रामचन्द्र यादव जी व उनके भाई प्रमोद पत्रकार के बुलावे पर संगठन के लोग गए वहां 2016 से प्रक्रिया की शुरुआत हुई जिसकी अगुआई इंद्र नारायण सिंह,भुवनेश्वर बाबू,  ईशरत परवीन, सुभाष, इंद्रजीत, धर्मेन्द्र, गंगा प्रसाद, शमशाद आलम, राजेन्द्र यादव, अनवर, शशिभूषण, सदानन्द जी/सोनी जी, आलोक कुमार, ललिता वस्की, शिवशंकर मण्डल, रामचन्द्र साह, श्री प्रसाद सिंह, भगवत पण्डित, सन्तोष मुखिया, मो अब्बास, सदरुल बाबू, अरविंद मेहता, देवकुमार मेहता, राजेन्द्र, तारिणी, अनिता, कुदुस, बेचनी देवी, शनिचरी देवी, तिलिया देवी, इंतजार आलम, मुकेश, जय नारायण यादव, चन्द्र मोहन, प्रमोद प्रभाकर, हरिनन्दन, अरुण, अखिलेश उर्फ मुकेश, विकास, अर्चना सिंह, पूनम जी, प्रियंका कुमारी जिला कमेटी के सदस्य के रूप में बढ़ा रहे है तो भीम सदा से शुरू कोशी जीवनशाला आज 6 जगह संचालित है जहां सन्तोष मुखिया, प्रमोद राम, मनीष, संदीप यादव, रूपम कुमारी, आरफा, जितेंद्र, कामेश्वर कर्ण, राजेश इत्यादि लोग संचालित कर रहे है। अनेक गाँवो में कमिटियां है। इन नामों के अतिरिक्त हजारों  साथी, इस यात्रा में जुड़कर साथ है तो  प्रो सचिन्द्र बाबू , डॉक्टर दिनेश कुमार मिश्र जी, प्रो जवाहर पासवान जी, प्रो आलोक जी, प्रो मधेपुरी जी, रणजीव कुमार जी,  अमिताभ, उदयजी, शाहिद कमाल जी, इंदिरा रमन उपाध्याय, मधुरेशजी  राजेन्द्र रवि जी , प्रियदर्शी जी, विनोद जी, सुनील जी, डॉक्टर रवि चोपड़ा जी, सौम्या दत्ता, सागर भाई, बल्लभ भाई, मधुबाला जी,  अरविंद मूर्ति, सुशील जी, अमरनाथ झा जी, रमेश पंकज जी, पंकज जी, कामेश्वर कामति जी, चन्दरबीर जी, सहित अनेक बुद्धिजीवी लोगों का मार्गदर्शन व  साथ सदैव रहता है। सहरसा, मधुबनी, खगड़िया, भागलपुर, पूर्णिया में भी अनेक साथी जुड़े है जहां कमिटियां बननी है। इस पूरी यात्रा में अनेक कोशी विकास संघर्ष समिति, राष्ट्र सेवा दल ,  बिहार नव निर्माण अभियान, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, भारतीय सामुदायिक कार्यकर्ता नेटवर्क,इंडो नेपाल वाटर राइट फोरम इत्यादि के साथ अनेक  साझा कार्य्रकम भी हुए। मीडिया के साथी हर मोड़ पर हमलोगों के साथ भाई की तरह खड़े मिले है उनका विशेष आभार।कोशी नव निर्माण मंच जिन्दाबाद।

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