विशेष : रोशनी में डूबी धरती, आसमान में बिखरी सतरंगी छटा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 6 नवंबर 2021

विशेष : रोशनी में डूबी धरती, आसमान में बिखरी सतरंगी छटा

जगमगाया शहर, जमकर हुई खरीदारी , हर तरफ हनुमत प्रभु के नाम की जयघोष , नरक चतुर्दशी के साथ ही मनाई गयी छोटी दीपावली

  • लोकल फार वोकल की अपील के चलते इस बार मिट्टी के दीये खूब बिक रहे हैं 

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वाराणसी (सुरेश गांधी)  दीपावली की पूर्व संध्या पर बुधवार को शहर से लेकर देहात तक रोशनी से जगमग हो गया। लोग अपने-अपने घरों को सजाने व संवारने में जुटे रहे। देर शाम शहर के बाजार और घर रंग-बिरंगी झालरों से जगमग दिखाई दिए। अधिकांश इमारत रोशनी से नहाई हुई नजर आईं। दिवाली पर्व को लेकर सुबह से शाम तक ग्राहकों की बाजारों में काफी भीड़ रही। लोगों ने पूजा-पाठ के साथ-साथ जरूरत की हर चीज की खरीदारी की। दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ रही। दुकानदारों को भी फुर्सत तक नहीं मिली।  दीपों का पर्व दीपावली की खुशियां मनाने के लिए हर आम व खास जुटा हुआ है। वैसे तो धनतेरस पर ही लोगों ने एक साथ धनतेरस और दीपावली की खरीदारी पूरी कर ली लेकिन बुधवार को दीपावली का बाजार देखने लायक था। एक ओर परंपरागत मिट्टी का दिया, खिलौना और रूई की बाती का बाजार सजा हुआ था। दूसरी और मोमबत्ती और झालरों की जगमगाहट बाजार की चमक बढ़ा रही थी। बाजार में जगह-जगह घरौंदा की जमकर बिक्री हो रही थी। गणेश-लक्ष्मी की विभिन्न रंग-रूपों वाली मूर्तियां खूब बिक रही हैं। सभी चीजों की कीमतें चढ़ी हुई हैं लेकिन ग्राहकों ने कीमत की परवाह किए बिना ही जमकर खरीदारी की। दीपावली मनाने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी भी अपने घर आए है जिससे सभी जगह गांव-घर में रौनक का माहौल है। नगर में दुकानों व इमारतों को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है। लोकल फार वोकल की अपील के चलते इस बार मिट्टी के दीये खूब बिक रहे हैं। 


नरक चतुर्दशी संग हनुमान जयंती  व छोटी दीपावली मनाई गयी 

दीप ज्योति पर्व की पांच दिनी उत्सवी शृंखला के दूसरे दिन कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर बुधवार को नरक चतुर्दशी, हनुमान जयंती व छोटी दीपावली मनाई गयी। चतुर्दशी तिथि का इस बार क्षय है। अतः तीन नवंबर को चतुर्दशी तिथि सुबह 7.15 बजे लग रही है जो चार की भोर 5.31 बजे तक रहेगी। इस बार नरक चतुर्दशी पर मास शिवरात्रि का संयोग अपने आप में बेहद खास होगा। ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव वर्ष में दो बार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है। कार्तिक में हनुमान जयंती मनाने के पीछे की कथा लंका विजय के बाद प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन पर माता सीताजी द्वारा वानरादि की विदाई से जुड़ी है। पूरी सेना को पारितोषिक देते समय सीता जी ने हनुमान जी को अपने गले की माला दी। इस पर रामनाम न होने से हनुमान जी असंतुष्ट दिखे तब अपने ललाट पर लगा सौभाग्य द्रव्य सिंदूर प्रदान किया और कहा, इससे मूल्यवान वस्तु मेरे पास नहीं है। तुम इसे हर्ष के साथ ग्रहण करो, इससे तुम सदैव अजर-अमर रहोगे। इसका प्रभाव चार युग में भगवान हनुमान किसी न किसी रूप में हमेशा विद्यमान रहते हैैं। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमत जन्म महोत्सव मनाया जाता है और तेल सिंदूर चढ़ाया जाता है।


मनसापूरन हनुमान का श्रृंगार

हनुमान जयंती के अवसर पर विगत कई वर्षों की भांति इस बार भी बुधवार को मैदागिन के भारतेंदु पार्क स्थित श्री मनसापूरन हनुमान का श्रृंगार भव्य रुप से किया गया। सेवईत् आनंद कुमार द्वारा मंदिर परिसर एवं मनसापूरन हनुमान जी को सुगंधित फूल और माला से सजाया गया। प्रारंभ में हनुमान जी का सिंदूर लेपन किया गया। इसके बाद फूल मालाओं से श्रृंगार किया गया। तत्पश्चात हनुमान जी की भव्य आरती की गई, एंव पार्क में टहलने वालों और आस पड़ोस के रहने वालों भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। सुबह-बनारस-ए- क्लब के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल ने भी अपनी टीम के साथ बाबा मनसापूरन हनुमान जी का आशीर्वाद लिया।


रेडीमेड कपड़ों की दुकानों पर भीड़ 

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दिवाली पर्व पर नए कपड़े पहनने का विशेष क्रेज रहता है। कपड़ों की खरीद के लिए दुकानों पर काफी भीड़ रही। जिन लोगों के कपड़े टेलर के यहां सिलने के लिए पड़े थे वे अपने कपड़े लेकर घरों को जाते दिखे। दुकानदारों ने भी खूब मुनाफा कमाया। मनमाने दाम वसूले। लोगों ने अपने घरों को सजाने के लिए बाजार से इलेक्ट्रानिक्स और प्लास्टिक के झालरों की खूब खरीदारी की। एलइडी लाइट, पट्टी, झालर, सतरंगी लाइट, जय माता दी, ओम, लक्ष्मी, शुभ लाभ, वंदनवार की झालरों की भी खूब बिक्री हुई। 


पूजन सामग्री की भी खूब हुई खरीदारी

दिवाली पूजन के लिए लोगों ने बाजार से खील, खिलौना, बतासे, मिट्टी के लक्ष्मी गणेश, दीपक, रुई, कपूर, झाड़ू, लाई, चना, चूरा व मिठाई की खरीदारी की। शहर के मुख्य बाजार घंटाघर, वासलीगंज, बसनही बाजार, त्रिमोहानी में अच्छी खासी भीड़ दिखाई दी। जिस कारण जाम भी लगा रहा। 


खूब हुए धूम धड़ाके 

आतिशबाजी से आसमान चमक उठा। सड़कों, गलियों से छतों-पार्कों में अनार, चकरी, लटाई, फुलझड़ियां जलाई गईं तो वहीं रॉकेट जैसे पटाखों से आसमान छूने के तमन्ना मानों मचल उठी। सबसे अधिक उत्साह बच्चों और युवाओं में दिखा। छोटा भीम, स्पाइडर मैन के अलावा इको फ्रेंडली पटाखे लोगों ने खास पसंद किए। आसमान में जाते ही कई रंग बिखेरने वाले स्काई शॉट युवाओं को ज्यादा भाए।


फूल-माला व झालरों व मिट्टी  के दीयों की खूब हुई खरीदारी 

दीवाली पर अपने प्रतिष्ठानों व दुकानों की सजावट के लिए लोग सुबह से ही माला मंडियों में पहुंचे। यहां पर सबसे ज्यादा गेंदे के माला की डिमांड रही। एक अनुमान के मुताबिक माला फूल की लगभग ढेढ़ करोड़ की बिक्री हुई है। इसमें गेंदा और बेला का फूल सबसे ज्यादा बिका। विद्युत झालरों की दुकानों पर भी सुबह से ही लोगों की भीड़ रही। किसी को नीले रंग तो किसी को मल्टी कलर का झालर लेना था। कुछ ऐसे झालर भी थे जो फूलों की डिजाइन में थे और सभी को खूब आकर्षित कर रहे थे। 

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