सहकारी मॉडल ही सर्वांगीण और समावेशी विकास हासिल करने में उपयोगी : अमित शाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 28 नवंबर 2021

सहकारी मॉडल ही सर्वांगीण और समावेशी विकास हासिल करने में उपयोगी : अमित शाह

co-oprative-model-usefull-for-development-amit-shah
गांधीनगर, 28 नवंबर, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि आर्थिक विकास का सहकारी मॉडल ही भारत की 130 करोड़ आबादी के सर्वांगीण और समावेशी विकास हासिल करने में उपयोगी साबित होगा। गुजरात कोऑपरेटिंग मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की विभिन्न परियोजनाओं का यहां उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि सहकारी मॉडल में हर किसी को समृद्ध बनाने की क्षमता है और अमूल इसका जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए देश की 130 करोड़ की आबादी के लिए सहकारी मॉडल को सबसे अच्छा आर्थिक मॉडल बताया था। शाह ने कहा कि सभी का विकास करना और 130 करोड़ की आबादी वाले देश में इसे आगे ले जाना एक मुश्किल काम है जबकि भारत से कहीं कम आबादी वाले देशों के लिए कई अन्य आर्थिक मॉडल काम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कौन सा आर्थिक मॉडल इस देश की आवश्यकताओं के अनुसार उपयोगी सिद्ध होगा यह एक बड़ा मुद्दा है और कई पंडित (विद्वान) नाकाम भी हो चुके हैं। लेकिन 75 साल बाद देश ने कई नियमों को देखा, देश के प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए इस मॉडल को परखा और पाया कि इतनी बड़ी आबादी वाले देश के सर्वांगीण, समावेशी विकास के लिए कोई आर्थिक मॉडल है, तो वह केवल सहकारी मॉडल है।’’ शाह ने कहा कि उनका मानना है कि सरकारिता के क्षेत्र में हर किसी को समृद्ध बनाने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि अमूल इसका जीता जागता उदाहरण है कि जब 36 लाख लोग एक साथ मिलकर काम करते हैं तो क्या कुछ हासिल किया जा सकता है। इस मॉडल ने महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण और सबसे सफल प्रयोग पेश किया।

कोई टिप्पणी नहीं: