केंद्र द्वारा घोषित पीएलआई पर उद्योग की सकारात्मक प्रतिक्रिया : गोयल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 18 नवंबर 2021

केंद्र द्वारा घोषित पीएलआई पर उद्योग की सकारात्मक प्रतिक्रिया : गोयल

industries-posetive-on-pli-peeyush-goel
नई दिल्ली, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि विभिन्न सेक्टरों में सरकार द्वारा घोषित कई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने कोविड के बाद के समय में औद्योगिक तथा आर्थिक सुधार को प्रेरित किया है।  स्थानीय मूल्य वर्धन और निर्यात पर संचालन समिति (स्केल) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित विभिन्न पीएलआई को लेकर उद्योग का बहुत सकारात्मक फीडबैक रहा है। उल्लेखनीय है कि कपड़ा, ऑटोमोटिव तथा व्हाइट गुड्स सेक्टर में इनमें से कुछ पीएलआई ने पहले ही अधिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना आरंभ कर दिया है। 1.3 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक ऑटो कंपोनेंट व्यापार में भारत का हिस्सा 15 बिलियन डॉलर का है। सरकार का लक्ष्य 2026 तक ऑटो कंपोनेंट के निर्यात को दोगुना कर 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का है। प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने के लिए भारतीय उद्योगों की अप्रयुक्त क्षमता का लाभ उठाने के तरीकों पर विचार करते हुए, श्री गोयल ने सभी हितधारकों को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले उत्पादों तथा परीक्षण के लिए विश्व स्तरीय प्रयोगशालाओं की अपील की क्योंकि भारत एक अभूतपूर्व वैश्विक व्यापार पटल पर उभर रहा है। हमारे फैक्टरी उत्पादों को वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लॉजिस्टिक्‍स लागतों में कमी लाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, उन्होंने राज्य विशिष्ट अक्षमताओं को कम करने की अपील की। श्री गोयल ने पीएलआई प्रेरित विनिर्माण विकास का लाभ उठाने के लिए राज्यों से श्रम कानूनों में उपयुक्त संशोधन करने का भी आग्रह किया। उन्होंने टिप्पणी कि ‘‘व्यवसाय करने की लागत का राज्य-वार आकलन किए जाने की आवश्यकता है।’’ श्री गोयल ने उद्योगपतियों से निम्न श्रम लागतों का लाभ उठाने भारत के विशाल परिमाण तथा जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठाने की अपील की। यह इंगित करते हुए कि कोई भी देश सभी सेक्टरों में अच्छा नहीं हो सकता, श्री गोयल ने कहा कि भारत को उत्कृष्ट तथा विशिष्ट क्षेत्रों का चयन करना चाहिए तथा उसमें अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘प्रमुख क्षेत्रों में तुलनात्मक लागत का लाभ उठायें।’’ श्री गोयल ने विनिर्माण क्षेत्र में मजबूत वृद्धि अर्जित करने के लिए सुधार के चार फोकस क्षेत्रों की पहचान की। इन क्षेत्रों में भूमि, कौशल विकास, सरकार एवं उद्योग साझीदारी तथा मॉडल श्रम कानूनों का अनुपालन शामिल है।  उद्योग को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा चिप विनिर्माण के स्वदेशीकरण के लिए प्रोत्साहित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि नए सेक्टरों में काफी संभावनाएं उभर कर सामने आ रही हैं। ड्रोन जैसे उत्कृष्ट सेक्टर के विकास के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा उचित विनियमनों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ड्रोन क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। ‘‘उन्होंने इलेक्ट्रोनिक्स उद्योग से टीवी विनिर्माण में स्थानीय मूल्य वर्धन को वर्तमान 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 43.7 प्रतिशत करने की अपील की और कहा कि सेट टॉप बॉक्स (एसटीबी), सीसीटीवी, मोबाइल हैंडसेट तथा टेलीविजन विनिर्माताओं को योजनाएं बनानी चाहिए कि किस प्रकार स्थानीयकरण हासिल किया जा सकता है। श्री गोयल ने एयर कंडीशनर विनिर्माताओं की बहुत हद तक स्थानीयकरण अर्जित करने एवं सीएफएल-फ्री कूलिंग टेक्नोलॉजी की ओर रुख करने के लिए भी सराहना की। ऑटोमोबाइल सेक्टर में स्वच्छ ऊर्जा की ओर रुख करने को लेकर श्री गोयल ने चुंबकों एवं इलेक्ट्रिक मोटर्स के स्वदेशी उत्पादन में तेजी लाने पर जोर दिया। 

कोई टिप्पणी नहीं: