बिहार : मुखिया पति बनने के बुजुर्ग ने युवती से किया विवाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 8 नवंबर 2021

बिहार : मुखिया पति बनने के बुजुर्ग ने युवती से किया विवाह

old-married-to-young-girl-bihar-election
पटना : बिहार में हो रहे त्रिस्तरीय चुनाव को लेकर जहाँ सरकार अपने तरीके से नए-नए कानून का ईजाद कर रही है और कर भी चुकी है। वहीं, लोग भी तिकड़म लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लोग कहा करते हैं कि जंग और प्यार में सब जायज है लेकिन यहाँ यह बात सत्ता के लिए सटीक बैठ रहा है। मामला है, अररिया के सिकटी प्रखंड के पड़रिया पंचायत का, जहाँ एक 63 साल के बुजुर्ग मो० जैनुद्दीन ने मुखिया पति बनने की चाह में 34 वर्षीय दलित महिला से निकाह कर उसे चुनावी मैदान में उतारे हैं। जो कि खुद भी पंचायत समिति सदस्य रह चुके हैं। जिले में आरक्षित सीट होने की वजह से आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर 63 साल का बुजुर्ग मो० जैनुद्दीन ने 34 वर्ष की एक अत्यंत पिछड़ा महिला साहिरा खातून से निकाह कर मैदान में उतारा है। यह निकाह इसी वर्ष फरवरी में किया गया। जबकि मो० जैनुद्दीन को पहले से ही 3 (तीन) बेटा, 4 (चार) बेटी 9 (नौ) पोता-पोती और 6 (छः) नाती-नतिनी है। उनकी पहली पत्नी भी साथ रहती है। बताया जा रहा है कि यह साहिरा (34) की पहली शादी है। मो० जैनुद्दीन ने कहा कि मैं पहले भी पंचायत समिति सदस्य रह चुका हूँ। लेकिन पड़रिया सीट अति पिछड़ा महिला के लिए आरक्षित होने की वजह से मेरे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को चुनाव नहीं लड़ पाने की वजह से मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। इसलिए मैंने अति पिछड़ा महिला से निकाह किया और उसे चुनावी मैदान में उतारा।


ऐसा मामला पिछली बार भी पड़रिया पंचायत का मुखिया पद आरक्षित हो जाने की वजह से 64 वर्षीय तात्कालिक मुखिया मो० ताहिर ने मुखिया पद के लिए एक अत्यंत पिछड़ी जाती के महिला, 38 की नसीमा खातून से निकाह कर 2016 के चुनावी मैदान में उतारा था और उसके साथ शर्त रखा गया था कि जीतने पर उसे पत्नी स्वीकार जाएगा, नहीं तो हारने पर सिर्फ 5 बीघा जमीन उसके नाम कर अलग कर दिया जायेगा। नसीमा खातून लगभग 1900 मतों से जीतीं और आज पत्नी बनकर रह रहीं हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: