राष्ट्रपति ने सपरिवार गंगा आरती की - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 28 नवंबर 2021

राष्ट्रपति ने सपरिवार गंगा आरती की

president-ganga-aarti
ऋषिकेश (उत्तराखंड), 28 नवंबर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को सपरिवार यहां गंगा तट पर आरती में शामिल हुए । हरिद्वार में पतंजलि विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद वह पत्नी सविता कोविंद तथा पुत्री के साथ शाम को यहां परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने गंगा आरती की । गंगा आरती के पश्चात राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और उनकी पुत्री ने पवित्र गंगा नदी में दीप प्रवाहित किये । गंगा आरती कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि कई वर्षों से उनकी गंगा आरती में शामिल होने की बहुत इच्छा थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण कार्यक्रम टलता गया । उन्होंने कहा कि आज उन्हें अपार खुशी है कि उनकी अधूरी इच्छा पूर्ण हुई है और यह ह्रदय को स्पर्श करने वाला क्षण है। कार्यक्रम में ग्रैमी पुरस्कार नामांकित भक्ति गायिका स्नातम कौर द्वारा लिखित और उनके साथ ही ग्रैमी पुरस्कार नामांकित देवा प्रेमल और मितेन और अन्य साथियों द्वारा गाए गए गीत ‘गंगा गान’ भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री और पौडी सांसद तीरथ सिंह रावत सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे । इससे पहले, राष्ट्रपति और उनके परिवार का ऋषिकुमारों और आचार्यों ने तिलक लगाकर पुष्प वर्षा और शंख ध्वनि से स्वागत किया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने इस मौके पर पवित्र रुद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला राष्ट्रपति को भेंट की ।

कोई टिप्पणी नहीं: