हरदीप पुरी ने राहुल गाँधी पर किया पलटवार, बताया ‘जेबकतरा’ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 10 नवंबर 2021

हरदीप पुरी ने राहुल गाँधी पर किया पलटवार, बताया ‘जेबकतरा’

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नयी दिल्ली, 10 नवंबर, तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल और डीजल पर उच्च कर को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सरकार पर की गई ‘पिकपॉकेट’ वाली टिप्पणी पर बुधवार को पलटवार करते हुए उन्हें ‘ जेब कतरा’ करार दिया जो यह नहीं समझता कि पूंजीगत व्यय क्या होता है। ‘टाइम्स नाऊ समिट’में पुरी ने कहा कि वह मोदी सरकार में हुई आर्थिक प्रगति और विकास पर बहस को तैयार हैं। राहुल गांधी ने एक नवंबर को ट्वीट कर आरोप लगाया था कि सरकार उच्च कर से मुनाफा कमा रही है और आम जनता को निचोड़ रही है।इसके साथ ही उन्होंने सरकार को ‘जेबकतरा’ बता लोगों को आगाह किया था। इस बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा, ‘‘ आप आर्थिक विकास और प्रगति को कैसे देखते हैं?... पूंजीगत व्यय में रिकॉर्ड वृद्धि की गई है। यह वह आर्थिक प्रगति है।’’


मंत्री ने कहा कि वह यूपीए शासन काल से जुड़े ‘घोटालों’ - 2जी से लेकर सीडब्ल्यूसी तक- पर चर्चा करना चाहते हैं, साथ ही मोदी सरकार के तहत प्रगति और विकास पर बहस चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय किया है ताकि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘जेबकतरे को क्या पता होगा कि पूंजीगत व्यय क्या है।’’ पुरी ने कहा, ‘‘आर्थिक मुद्दे पर जिम्मेदारी के साथ विरोध होना चाहिए।’’ विपक्ष द्वारा एअर इंडिया जैसी कंपनियों को बेचने की घर के जेवर बेचने से तुलना करने पर मंत्री ने कहा कि ‘‘ तीन तरह के बेवकूफाना फैसले होते हैं। पहला ‘‘साधारण’, दूसरा असाधारण और तीसरी ‘चक्रवर्ती श्रेणी’ होती है। उन्होंने कहा, ‘‘एअर इंडिया पहली श्रेणी की विमानन कंपनी थी जो विश्वनेता थी। वह विमानन कंपनी अच्छे से चल रही थी लेकिन उसका राष्ट्रीयकरण कर बर्बाद कर दिया गया।’’ पुरी ने यह टिप्पणी वर्ष 1953 में कंपनी को टाटा समूह से लेकर राष्ट्रीयकरण करने की ओर इशारा करते हुए की।


उन्होंने वर्ष 1976 में बर्मा शेल नामक कंपनी का राष्ट्रीयकरण कर बीपीसीएल बनाने का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘वह अच्छे से चल रही थी, अच्छा मुनाफा कमा रही थी, उसका भी राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।’’ पुरी ने कहा, ‘‘इसे हम चक्रवर्ती श्रेणी के मूर्ख फैसले की तरह देखें जो उन्होंने एअर इंडिया के साथ किया।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘ यह मोदी सरकार थी जिसने राजनीतिक प्रतिबद्धता और उसमें शामिल लोगों के कुछ तकनीकी कार्यों की वजह से फैसले को पलटा।’’ पुरी ने कहा कि तब नागरिक उड्डयन मंत्री रहने के नाते उनके पास क्षमता नहीं थी कि हर साल वित्त मंत्रालय के पास भीख का कटोरा लेकर जाएं और विमानन कंपनी को चलाने के लिए आठ हजार करोड़ रूपये मांगे। उन्होंने कहा, ‘‘विकल्प विनिवेश करने या विनिवेश नहीं करने के बीच नहीं था, बल्कि विनिवेश और एअर इंडिया को बंद करने के बीच था।’’ पुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उच्च उत्पाद शुल्क ने भारत को मुश्किल समय को पार करने और लाखों लोगों को कोविड-19 टीका, खाना और गैस सिलिंडर मुफ्त में देने की योजना के लिए वित्त जटाने में मदद की। उन्होंने कहा कि सरकार तय करती है कि कितना कर लगाया जाए। लेकिन इस बार महामारी की वजह से स्थिति बदली थी क्योंकि अर्थव्यवस्था को पहले कभी लोगों की जान बचाने के लिए पूरी तरह से बंद नहीं किया गया था। पुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उच्च कर की वजह से हम महामारी के दौरान पैदा हुई अतिरिक्त जरूरतों को पूरा कर पाए।

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