जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक समर्थन की जरूरत : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 1 नवंबर 2021

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक समर्थन की जरूरत : मोदी

world-should-support-to-fight-climate-change-modi
ग्लास्गो / नयी दिल्ली (ब्रिटेन) 01 नवम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अभियान में अनुकूलता या सामंजस्य बैठाने को इतना महत्व नहीं दिया गया जितना इसमें कमी लाने पर दिया गया है और इसका कारण है कि अधिक प्रभावित विकासशील देशों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुकूलता और पारंपरिक तरीकों को वैश्विक समर्थन दिये जाने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन पर ग्लास्गो में सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के महासम्मेलन कॉप 26 में हिस्सा लेते हुए श्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक बहस में अनुकूलता या सामंजस्य पर उतना महत्व नहीं दिया गया जितना कि इसमें कमी लाने पर दिया गया है। इसका परिणाम यह हुआ कि इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित विकासशील देशों के साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत समेत अधिकतर विकासशील देशों में किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती है। फसलों के पैटर्न और असमय आपदाओं के कारण फसलें बर्बाद हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पेयजल के स्रोत से लेकर किफायती आवास परियोजनाओं तक सभी को लचीला बनाये जाने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने अपने तीन विचार भी सम्मेलन में रखे। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले तो हमें अनुकूलन या अनुकूलता को अपनी विकास परियोजनाओं तथा नीतियों का मुख्य अंग बनाना होगा। इस संदर्भ में उन्होंने भारत में नल से जल, स्वच्छ भारत मिशन और सभी के लिए स्वच्छ ईंधन वाली उज्जवला योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि इनसे लोगों को अनुकूलता के लाभ तो मिले ही हैं उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। 

कोई टिप्पणी नहीं: