कुशलगढ़ के आमलीपाड़ा गाँव में राज्यस्तरीय एवं जिलास्तरीय अधिकारीयों का दौरा जैविक खेती को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए नई योजना निर्माण के उद्देश्य हेतु चिप मिनिस्टर राजस्थान इकॉनमी ट्रांसमिशन एडवाइजरी कॉन्सिल द्वारा किया गया | राज्य सरकार द्वारा गठित यह टीम राज्य में चार अलग जिलो में गैर सरकारी संस्थाओ द्वारा जैविक खेती के लिए किये जा रहे कार्यों का मूल्यांकन कर सीधे मुख्य मंत्री कार्यलय को रिपोर्ट करेंगे | बांसवाडा जिले में वाग्धारा संस्था द्वारा समन्वित खेती तंत्र को विकसित करने हेतु किये जा रहे प्रयासों को देखा |इस टीम में शामिल अधिकारी जिसमें राज्य सरकार से खाद्य सुरक्षा विभाग से सुनीता शर्मा, पशुपालन विभाग से डॉ. विशाल मेहता, कृषि विभाग से अर्जुन चौधरी , डॉ. किशन लाल व बांसवाड़ा जिले से मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, एक्सेन महत्मा गाँधी रोजगार नटवर लाल, जॉइंट डायरेक्टर पशुपालन विभाग डॉ. अनुज बगेल, राजिका से जिला परियोजना अधिकारी दीनबंदु भट्ट, प्रबंधक सरस डेयरी कमलेश कुमार , उद्यानिकी विभाग से जलज उपाध्याय शिक्षा विभाग से शलेन्द्र भट्ट , जिला बाल सुरक्षा अधिकारी जयमल राठोड़, जिला रसद अधिकारी हजारी लाल, राजस्थान स्टेट सीड कारपोरेशन से योगेश , कृषि विभाग से रामकिशन वर्मा, कमलेश कुमार मीना डॉ. के .सी . शर्मा , श्याम लाल सालवी एवं कुशलगढ़ पंचयत समिति के विकास अधिकारी के नेतृत्व में संबंधित विभाग के अधिकारी, सरपंच अमलीपाडा मौजूद रहे | यह अध्यन CEEW संस्था द्वारा किया जा रहा है और साथ नेशनल कोल्लीजन फॉर नेचुरल फार्मिंग नेटवर्क द्वारा इस अध्यन में सहायता की जा रही है, इसी नेटवर्क से वाग्धारा भी जुड़ा है | संस्था सचिव जयेश जोशी , सच्ची खेती थीम के पी.एल.पटेल, सच्चा बचपन थीम के माजिद खान , स्वराज थीम के परमेश पाटीदार ने अथितियों का स्वागत कर वाग्धारा संस्था द्वारा जनजाति क्षेत्र में खेती के लिए किये जा रहे प्रयासों को साझा किया गया | कुशलगढ़ – सज्जनगढ़ क्षेत्र की विधायक श्रीमती रमिला खड़िया ने भी अधिकारीयों से चर्चा कर सुझाव दिए | क्षेत्र जैविक खेती करने वाले किसान श्री प्रकाश डामोर, मान सिंह ,कन्नू डामोर डामोर के यहां जैविक पोषण बगिया , जैविक खाद , जैविक दवाई, जैविक किट प्रबधन , फलदार पौधे, फलदार पौधों की कलम से तैयार किए गए अच्छी गुणवत्ता वाले तैयार पौधे, गन्ने, आम, अमरूद, पपीता, हल्दी, अदरक,मिर्ची , केला, परिवार के स्तर पर बीज प्रबंधन, खाद्य सुरक्षा, पोषण एवं जैविक खेती में पशुपालन की भूमिका, जैव विभिताता, कृषि में महिलाओं की भूमिका, जैविक खेती करने में आ रही बाधा जैसे पशुपालन में उत्पादकता में कमी , प्रारभिक 03 वर्षो में जैविक खेती के उत्पादन में कमी, ढालू जमीन से मिटटी , सिंचाई के लिए संसाधन एवं स्रोत की कमी, उन्नत नस्ल में सिरोही ब्रीड की बकरी एवं उन्नत नस्ल की मुर्गीपालन की मांग हुई आदि को देखा गया एवं चर्चा रही, महात्मा गाँधी नरेगा के अंतर्गत पशु शेड निर्माण, भूमि समतलीकरण , जल मृदा संरक्षण के कार्य आदि की मांग की गई |
- राज्यस्तरीय एवं जिलास्तरीय अधिकारीयों का आमलीपाड़ा गाँव में दौरा
बुधवार, 29 दिसंबर 2021
जैविक खेती के लिए अमलीपाड़ा के किसान बने प्रेरणा स्त्रोत
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