नयी दिल्ली, 29 दिसंबर, कांग्रेस ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि "लाभ में चलने वाले" सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) को बिना अनुभव वाली एक निजी कंपनी को बेचकर उसने देश के रणनीतिक हितों से "समझौता" किया है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि विभिन्न तरीकों से मूल्यांकन करने पर सीईएल 957 करोड़ रुपये से 1,600 करोड़ रुपये के बीच का था लेकिन सरकार ने गाजियाबाद स्थित पीएसयू को नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड को 210 करोड़ रुपये में बेच दिया। उन्होंने कहा, “हम मांग करते हैं कि इस बिक्री पर तुरंत रोक लगे... नंदल फाइनेंस के प्रवर्तक नोएडा-गाजियाबाद क्षेत्र में एक निजी विश्वविद्यालय से भी जुड़े हुए हैं और भाजपा नेताओं से उनकी निकटता जगजाहिर है।’’ सरकार ने सीईएल को नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को 210 करोड़ रुपये में बेचने की घोषणा की थी जबकि आरक्षित मूल्य 194 करोड़ रुपये था। एयर इंडिया के बाद यह सरकार की दूसरी रणनीतिक बिक्री थी। कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि सीईएल खरीदने वाली निजी कंपनी में सिर्फ 10 कर्मचारी थे और राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण में एक मामला भी लंबित था। वल्लभ ने कहा कि नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2019-20 में दायर वित्तीय विवरणों के अनुसार, कंपनी में 99.96 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रीमियर फर्निचर एंड इंटीरियर्स प्राइवेट लिमिटेड के पास थी, जिसका सीईएल के कारोबार से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उपग्रह प्रणाली, हैंड ग्रेनेड के लिए इलेक्ट्रिक जेनरेटर फ्यूज और बुलेट प्रूफ सामग्री का निर्माण करने वाले एक रणनीति पीएसयू को फर्नीचर कंपनी को बेच दिया। उन्होंने सवाल किया, "लाभ में चल रहे एक रणनीतिक पीएसयू को 10 से भी कम कर्मचारियों वाली एक निजी कंपनी को क्यों सौंप दिया गया जिसे इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं है?’’
बुधवार, 29 दिसंबर 2021
सरकार सीईएल का विनिवेश रोके : कांग्रेस
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