आइए नयी ऊर्जा, आशा और उत्साह के साथ नववर्ष का स्वागत करें। हर ओर नया और सकारात्मक देखें। सभी चेहरों को नयी नजर से देखें। हर चीज में नयापन तलाशें। अपने आस-पास को नयी प्रेरणा और नयी आशा-उमंग से देखें। नयी राह की ओर देखें। नये सपने देखें, नए मार्ग बनाएं और उन पर चलना शुरू करें। इच्छा-शक्ति को प्रबल करें। पाखंड का त्याग करें। भरोसा करें, भरोसे के लायक बनें। विश्वास करें, विश्वास जीतें। अपनी गरिमा समझें और दूसरों की अहमियत को समझें। लाख कोशिश के बाद भी मानव मस्तिष्क में स्मृतियां शेष रह ही जाती हैं। फिर भी कोशिश करें कि मात्र अच्छी स्मृतियां ही शेष रहें।इसी के साथ अपनी स्मृतियों से पूर्वाग्रहों को मुक्त करें।यह कठिन तपस्या है, फिर भी प्रयास करें। स्मृतियों को बोझ न बनने दें। स्मृतियों को प्रेरक बनाएं। अच्छी यादें प्रेरणा देती हैं, सुख देती हैं। दुखदायी स्मृतियों को मिटा दें। जिन दुर्गुणों को पिछले वर्ष झेला, उन्हें आज भूल जाएं। हम नये वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं।अतः यह कामना करें कि सब कुछ नया हो। सब कुछ अच्छा हो। हर ओर शुभ हो। हर काम का शुभ आरंभ हो। नए वर्ष में यह भी कामना करें कि युवाओं के लिए रोजगार का मार्ग प्रशस्त हो। व्यापार में चल रही मंदी समाप्त हो। किसानों के लिए सकारात्मक माहौल बने। स्वच्छ भारत बने। कला-संस्कृतियों की रक्षा हो। शहरी-ग्रामीण जीवन स्तर, अमीर-गरीब के बीच खाई चौड़ी न हो और सब के सम्मान और जीवन की रक्षा हो। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हम एक-दूसरे को शुभकामनाएं दें ताकि आने वाला नया वर्ष सबके लिए सुख-समृद्धि के ढेरों अवसर लेकर आए। प्रत्येक वर्ष नए साल के अवसर पर हम सभी को आशा होती है कि नव-वर्ष हमारे लिए काफी अच्छा साबित हो।हम सभी के लिए नया साल नई उम्मीदों, नई इच्छाओं, नई आशाओं तथा नई संभावनाओं को तलाशने का एक सुंदर अवसर होता है।नए साल में हमें यह भी कोशिश करनी चाहिए कि हम पुराने साल में की गई गलतियों को न दोहराएं। बीते वर्ष में की गई गलतियों तथा असफलताओं से सीख लेते हुए हमें जिन्दगीं में आगे कदम बढ़ाना चाहिए तथा अपनी सफलता सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए। बदलते वक्त के साथ बदलें।जमाने के साथ चलें। बदलती तकनीक के साथ बदलें। अपटूडेट रहें ताकि फूहड़ न कहलाएं।नई सुबह इस नए साल में हमारे स्वागत के लिए तैयार खड़ी है। उसका गर्मजोशी के साथ बाहें फैलाकर स्वागत करें और ईश्वर से प्रार्थना करें:
अपनों का अपनों से लगाव बना रहे
आसमां छू लें, पर जमीं पर पाँव डटे रहें,
इस प्रार्थना पर विचार करना हे प्रभु,
सबके सपनों को तू साकार करना प्रभु।
(डॉ० शिबन कृष्ण रैणा)
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