प्रस्तावित मसौदे में ये बदलाव शामिल
- संशोधन प्रस्ताव में मौजूदा दारूबंदी कानून की धारा 37 के तहत शराब पीने पर पांच साल से लेकर 10 साल तक की जेल और यहां तक कि आजीवन कारावास की सजा का भी प्रावधान है। लेकिन संशोधन में सिर्फ जुर्माने की बात कही गई है। वहीं जुर्माना नहीं भुगतान करने की स्थिति में एक महीने कारावास की सजा मिल सकती है।
- प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि बार—बार इसी तरह की घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के मामले में राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा अतिरिक्त जुर्माना या कारावास या दोनों निर्धारित कर सकती है।
- दारूबंदी अधिनियम के अध्याय VII को हटाना भी नये प्रस्ताव में शामिल है। यह अभियुक्तों की नजरबंदी से संबंधित है। इसमें धारा 67, धारा 68 और धारा 70 (तत्काल गिरफ्तारी) को हटाने का प्रस्ताव किया गया है।
- संशोधन प्रस्ताव में धारा 55 को हटाने का भी प्रावधान है जिसके अनुसार सभी अपराध समझौते के योग्य नहीं हैं। इसका मतलब है कि अब मामलों को वापस लिया जा सकता है और अदालतों के अंदर या बाहर दो पक्षों के बीच समझौता किया जा सकता है।
- वर्तमान में सभी अपराधों की सुनवाई निचली अदालतों द्वारा की जाती है। लेकिन संशोधन के तहत इन अपराधों को कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षण के माध्यम से निपटाया जाएगा। इसके अलावा दारूबंदी एक्ट की धारा 57 के तहत शराब ले जाने के कारण जब्त किए गए वाहनों को जुर्माने के भुगतान पर अब उन्हें छोड़ने की अनुमति देने का भी प्रावधान किया गया है।
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