आलेख : बीते सात साल थे पृथ्वी के इतिहास के सबसे गर्म साल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 11 जनवरी 2022

आलेख : बीते सात साल थे पृथ्वी के इतिहास के सबसे गर्म साल

  • वैश्विक स्‍तर पर, पिछले सात वर्ष अब तक के सबसे गर्म सात साल के तौर पर हुए दर्ज, कार्बन डाई ऑक्‍साइड और मीथेन के कंसंट्रेशन में बढ़त जारी 

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यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने अपने सालाना निष्कर्ष जारी करते हुए बताया है कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2021 अब तक का सातवां सबसे गर्म साल था। इस साल यूरोप ने प्रचंड गर्मी का अनुभव किया। इस दौरान भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में तपिश के जबरदस्त थपेड़े महसूस किए गए और मध्य यूरोप में बाढ़ ने अपना कहर ढाया। इस दौरान कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन के संकेंद्रण में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि जारी रही। यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट्स (ईसीएमडब्ल्यूएफ) ने यूरोपियन कमीशन की ओर से यूरोपीय संघ के वित्तपोषण से कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) लागू की है। सी3एस द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से जाहिर होता है कि पिछले 7 साल वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म 7 वर्ष रहे और इनके बीच तापमान का अंतर भी काफी स्पष्ट है। वैश्विक स्तर पर इन 7 वर्षों में 2021 अपेक्षाकृत ठंडा रहा। इसके अलावा 2015 और 2018 भी कुछ ठंडे रहे। इस बीच, यूरोप में अब तक की सबसे गर्म ग्रीष्म ऋतु का अनुभव हुआ। यह पिछले सबसे गर्म साल रहे वर्ष 2010 और 2018 के काफी नजदीक रहा। सी3एस ने कॉपरनिकस एटमॉस्फेयर मॉनिटरिंग सर्विस के सहयोग से यह भी बताया है कि सेटेलाइट मापन के प्रारंभिक विश्लेषण से यह मालूम हुआ है कि वातावरणीय ग्रीन हाउस गैसों का संकेंद्रण वर्ष 2021 के दौरान लगातार बढ़ता रहा। इस दौरान कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर करीब 414 पीपीएम के सालाना वैश्विक कॉलम-औसत दर्ज किया गया जबकि मीथेन (सीएच4) का सालाना रिकॉर्ड लगभग 1876 पीपीबी का रहा। वैश्विक स्तर पर जंगलों में लगी आग से कुल 1850 मेगाटन कार्बन पैदा हुआ। खास तौर पर साइबेरिया के जंगलों में लगी आग से बहुत भारी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन हुआ। यह पिछले साल (1750 मेगाटन कार्बन उत्सर्जन) के मुकाबले कुछ ज्यादा था। हालांकि वर्ष 2003 से इसमें गिरावट का रुख है।


वैश्विक भूतल वायु तापमान

· वैश्विक स्तर पर वर्ष 2021 पांचवा सबसे गर्म साल रहा मगर यह 2015 और 2018 के मुकाबले कुछ ही ज्यादा गर्म था।

· सालाना औसत तापमान वर्ष 1991-2020 की संदर्भ अवधि के दौरान दर्ज तापमान से 0.3 डिग्री सेल्सियस अधिक था। साथ ही यह 1850-1900 के प्री इंडस्ट्रियल स्तर से 1.1-1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।

· पिछले 7 साल वैश्विक स्तर पर अब तक के सबसे गर्म 7 वर्ष रहे और इनके बीच तापमान का अंतर भी काफी स्पष्ट था।


वैश्विक स्तर पर साल के शुरूआती 5 महीनों के दौरान दर्ज किए गए तापमान हाल के बहुत गर्म वर्षों के मुकाबले कुछ कम रहे। हालांकि जून से लेकर अक्टूबर तक के सालाना तापमान के स्तर कम से कम चौथे सबसे गर्म महीनों के स्तर पर लगातार बने रहे। पिछले 30 वर्षों (1991 से 2020) के दौरान दर्ज तापमान प्री इंडस्ट्रियल स्तर से करीब 0.9 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। इस ताजातरीन 30 साल की संदर्भ अवधि के मुकाबले सबसे अधिक औसत तापमान वाले क्षेत्रों में अमेरिका और कनाडा के पश्चिमी तट से लेकर पूर्वोत्तर कनाडा और ग्रीनलैंड तक का इलाका शामिल है। इसके अलावा मध्य और उत्तरी अफ्रीका तथा मिडिल ईस्ट के बड़े हिस्से भी इसमें शामिल हैं। पश्चिमी और पूर्वी साइबेरिया, अलास्का, मध्य और पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में सबसे निम्न औसत तापमान पाया गया। इसके अलावा वर्ष की शुरुआत तथा अंत में ला नीना स्थिति के साथ साथ ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में भी यही स्थिति पाई गई।


यूरोपियन भूतल वायु तापमान

· पूरे 1 वर्ष को देखें तो यूरोप का तापमान वर्ष 1991 से 2020 के औसत से महज 0.1 डिग्री सेल्सियस अधिक था। यह स्तर सबसे गर्म 10 वर्षों की श्रेणी में भी नहीं आता।

 · यूरोप के लिए 10 सबसे गर्म वर्ष साल 2000 के बाद के रहे। इनमें सबसे गर्म 7 साल 2014 से 2020 के बीच दर्ज किए गए।


यूरोप में सर्दियों के आखिरी कुछ महीने और वसंत ऋतु की पूरी अवधि आमतौर पर वर्ष 1991 में 2020 के औसत के करीब या फिर उससे कुछ नीचे रही। एक अपेक्षाकृत गर्म मार्च के बाद अप्रैल में एक ठंडा चरण होने से महाद्वीप के पश्चिमी हिस्सों में देर से सीजन फ्रॉस्‍ट पड़ा। इसके विपरीत 2021 में यूरोप में पड़ी गर्मी अब तक की सबसे गर्म ऋतु रही। हालांकि यह वर्ष 2010 और 2018 की पिछली प्रचंड गर्मी के नजदीक ही रही। जून और जुलाई दोनों ही दूसरे सबसे गर्म महीने रहे जबकि अगस्त समग्र औसत के करीब रहा। मगर दक्षिण में औसत से अधिक तापमान और उत्तर में औसत से कम तापमान के बीच एक बड़ा विभाजन भी देखा गया।


यूरोप में पड़ी गर्मी की चरम परिघटनाएं

यूरोप में वर्ष 2021 की गर्मियों के दौरान गहरा प्रभाव छोड़ने वाली अनेक चरम मौसमी घटनाएं हुईं। जुलाई में पश्चिमी मध्य यूरोप में संतृप्ति के करीब मिट्टी वाले क्षेत्र में बहुत भारी वर्षा हुई, जिससे अनेक देशों में गंभीर बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में जर्मनी, बेल्जियम, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड्स शामिल हैं। भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में पूरे जुलाई और अगस्त के कुछ हिस्से के दौरान लोगों को जबरदस्त तपिश का सामना करना पड़ा। इस दौरान ग्रीस, स्पेन और इटली खासतौर पर बहुत अधिक तापमान की गिरफ्त में रहे। सर्वाधिक तापमान का यूरोपियन रिकॉर्ड सिसिली में टूट गया जहां 48.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया जो पिछले सर्वाधिक तापमान से 0.8 डिग्री सेल्सियस अधिक था। हालांकि वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन ने इसकी अब तक के सर्वाधिक तापमान के रिकॉर्ड के तौर पर पुष्टि नहीं की है। गर्म और सूखी परिस्थितियों की वजह से जंगलों में जबरदस्त और लंबे वक्त तक चलने वाली आग लग गई। खासतौर पर पूर्वी तथा मध्य भूसागरीय इलाके के जंगलों में। तुर्की सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शामिल रहा इसके अलावा ग्रीस, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, अल्बानिया, नॉर्थ मेसिडोनिया, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया में भी जंगलों की आग ने जबरदस्त असर डाला।


उत्तरी अमेरिका

वर्ष 2021 के दौरान उत्तरी अमेरिका के अनेक इलाकों में तापमान में काफी विसंगतियां देखी गयीं। उत्तर-पूर्वी कनाडा में साल के शुरु और शरद ऋतु में औसत प्रतिमाह तापमान असामान्य रूप से गर्म रहा। उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी भागों में जून में अप्रत्याशित गर्मी पड़ी। इस दौरान अधिकतम तापमान के रिकॉर्ड कई डिग्री सेल्सियस से टूट गए, जिसकी वजह से इस महाद्वीप में इस साल अब तक का सबसे गर्म जून का महीना रहा। क्षेत्रीय स्तर पर गर्म और सूखी परिस्थितियों के कारण पूरे जुलाई और अगस्त के महीनों में जंगलों की आग की श्रंखला और भी भड़क उठी। कनाडा के अनेक प्रांत तथा अमेरिका के पश्चिमी तटीय राज्य सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों में शामिल रहे। हालांकि सभी क्षेत्र समान रूप से प्रभावित नहीं हुए। इस दौरान 'डिक्सी फायर' के तौर पर कैलिफोर्निया के इतिहास में दूसरी सबसे व्यापक आग दर्ज की गई। इससे न सिर्फ बड़े पैमाने पर विनाश हुआ बल्कि इससे उठने वाले प्रदूषण के कारण हजारों लोगों को दूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ा। इस दौरान पूरे महाद्वीप में वायु की गुणवत्ता में गिरावट आई क्योंकि जंगलों की आग के कारण उत्पन्न पार्टिकुलेट मैटर तथा अन्य प्रदूषणकारी तत्व पूरब की तरफ बह चले। कुल मिलाकर उत्तरी अमेरिका को सबसे ज्यादा मात्रा में कार्बन उत्सर्जन का अनुभव करना पड़ा। इस दौरान जंगलों की आग से 83 मेगाटन कार्बन तथा अन्य ज्वरकारक तत्वों का उत्सर्जन हुआ। यह वर्ष 2003 से अब तक किसी गर्मी में रिकॉर्ड किया गया सर्वाधिक सीएएमएस डाटा है।


वर्ष 2021 में CO2 और CH4 संघनन में बढ़ोत्तरी जारी रही

सेटेलाइट से प्राप्त डाटा के शुरुआती विश्लेषण से यह जाहिर हुआ है कि कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में लगातार वृद्धि का दौर 2021 में भी जारी रहा जिसकी वजह से सालाना वैश्विक कॉलम एवरेज (एक्ससीओ2) करीब 414.3 पीपीएम रिकॉर्ड किया गया। संकेंद्रण की सबसे ज्यादा मात्रा अप्रैल 2021 में रिकॉर्ड की गई जब एक्ससीओ2 का वैश्विक प्रतिमाह माध्य स्तर 416.1 पीपीएम तक पहुंच गया। वर्ष 2021 के लिए एक्ससीओ2 की वैश्विक सालाना अनुमानित माध्य वृद्धि दर 2.4 +_ 0.4 पीपीएम प्रतिवर्ष थी। यह वर्ष 2010 से अब तक देखी गई करीब 2.4 पीपीएम प्रतिवर्ष की औसत वृद्धि दर के नजदीक भी है। मगर यह वर्ष 2015 में नापी गई 3.0 पीपीएम प्रतिवर्ष और 2016 की 2.9 पीपीएम प्रतिवर्ष की उच्च विकास दर से नीचे रही। यह दोनों ही मजबूत अलनीनो जलवायु परिवर्तन से संबंधित थी। सेटेलाइट डाटा के शुरुआती विश्लेषण के अनुसार वर्ष 2021 में वातावरणीय मीथेन संकेंद्रण में भी वृद्धि जारी रही और यह करीब 1876 पीपीबी के अधिकतम अप्रत्याशित वैश्विक कॉलम औसत (एक्ससीएच4) के स्तर तक पहुंच गया। एक्ससीएच4 की अनुमानित सालाना माध्य विकास दर 16.3 +_3.3 पीपीबी/प्रतिवर्ष थी। इसी वर्ष 2020 की विकास दर (14.6 +_ 3.1 पीपीबी/वर्ष) से कुछ ज्यादा है। यह दोनों ही दरें पिछले दो दशकों के दौरान एकत्र सेटेलाइट डाटा के मुकाबले काफी अधिक हैं। हालांकि अभी यह पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है कि ऐसा क्यों है। वृद्धि की यह शुरुआत कहां से हुई है, इसे पहचानना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि मीथेन के कई स्रोत हैं। इनमें कुछ मानवजनित गतिविधियां (जैसे कि तेल और गैस का अत्यधिक दोहन) तो हैं ही, साथ ही साथ कुछ कुदरती या अर्द्ध प्राकृतिक कारण (वेटलैंड) भी हैं।


यूरोपियन कमिशन के डायरेक्टरेट जनरल फॉर डिफेंस इंडस्ट्री एंड स्पेस के अर्थ ऑब्जर्वेशन विभाग के प्रमुख मौरो फचीनी ने कहा "पेरिस समझौते के तहत यूरोप की संकल्पबद्धता तभी मूर्त रूप ले सकती है जब जलवायु संबंधी सूचनाओं का प्रभावी विश्लेषण हो। कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस हमारी जलवायु के बारे में संचालनात्मक उच्च गुणवत्ता वाली सूचना के माध्यम से जरूरी वैश्विक संसाधन उपलब्ध कराता है जोकि जलवायु न्यूनीकरण तथा अनुकूलन संबंधी नीतियों, दोनों ही के लिए महत्वपूर्ण है। वर्ष 2021 का विश्लेषण हमें दिखाता है कि वैश्विक स्तर पर पिछले 7 वर्ष अब तक के सबसे गर्म 7 साल रहे हैं। यह हमें याद दिलाता है कि वैश्विक तापमान में वृद्धि लगातार जारी है और इस पर अंकुश लगाने के लिए फौरन मुस्तैदी से काम करना होगा।" कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के निदेशक कार्लो बुओंटेंपो ने कहा "वर्ष 2021 यूरोप में सबसे भीषण गर्मी के साथ अत्यधिक तापमान का एक और साल था। भूमध्यसागरीय क्षेत्र में गर्म थपेड़े और उत्तरी अमेरिका में तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोत्‍तरी हुई। पिछले 7 वर्ष रिकॉर्ड पर लिए गए अब तक के सबसे गर्म 7 साल रहे हैं। यह घटनाएं हमें झकझोर कर यह याद दिलाती हैं कि हमें अपने तौर-तरीकों को बदलने, एक सतत समाज के निर्माण की दिशा में निर्णायक और प्रभावी कदम उठाने और शुद्ध कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए काम करने की जरूरत है।’’ कॉपरनिकस एटमॉस्फेयर मॉनिटरिंग सर्विस के निदेशक विंसेंट हेनरी पियूच ने कहा "कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन के संकेंद्रण में साल दर साल वृद्धि का सिलसिला जारी है और इसमें गिरावट के भी कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। यह ग्रीन हाउस गैसें ही जलवायु परिवर्तन की मुख्य कारक हैं। यही वजह है कि सीएएमएस की अगुवाई में नई अवलोकन आधारित सेवा मानव जनित कार्बन डाइऑक्साइड और CH4 उत्सर्जन अनुमानों की निगरानी और सत्यापन का समर्थन करने के लिए उत्सर्जन शमन उपायों की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण जरिया होगी। सिर्फ पर्यवेक्षणात्मक सुबूतों द्वारा समर्थित दृढ़ प्रयासों के साथ ही हम जलवायु संबंधित तबाही के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक वास्तविक अंतर ला सकते हैं। सी3एस अपने सालाना प्रकाशन यूरोपियन स्टेट ऑफ द क्लाइमेट (European State of the Climate) में वर्ष 2021 में यूरोप में हुई जलवायु संबंधी विभिन्न घटनाओं की विस्तृत समीक्षा को पेश करेगा। इसे अप्रैल 2022 में प्रकाशित किया जाएगा।

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