बेतिया : राख बुधवार को परहेज का दिन: धर्माध्यक्ष - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 21 फ़रवरी 2022

बेतिया : राख बुधवार को परहेज का दिन: धर्माध्यक्ष

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बेतिया. पश्चिम चम्पारण में है बेतिया. रोमन कैथोलिक का बेतिया धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पीटर सेबेस्टियन गोबियस ने धर्मप्रांतीय पत्र जारी कर कहा है कि हमलोगों को नये कैनन कानून के अनुसार संख्या 1229 ‘ सभी ख्रीस्तीय ईश्वरीय नियम से अनुग्रहीत है तथा अपने तरीके से तपस्या करने के लिए बाध्य होते हैं‘इसके लिए सभी को एक साथ जुड़कर तपस्या करने की सामान्य प्रथा,जो विशेष रूप से निर्धारित किया गया है.उनका योग्य रीति से अभ्यास करना है. आगामी 1 मार्च को अनौपचारिक गोस्त-भूजा का पर्व है. इसके बाद 2 मार्च को राख बुधवार है.राख बुधवार को परहेज का दिन है. कैथोलिक कलीसिया के नये कैनन कानून के अनुसार संख्या 1229 ‘सभी ख्रीस्तीय ईश्वरीय नियम से अनुग्रहीत है तथा अपने तरीके से तपस्या करने के लिए बाध्य होते हैं‘इसके लिए सभी को एक साथ जुड़कर तपस्या करने की सामान्य प्रथा,जो विशेष रूप से निर्धारित किया गया है.उनका योग्य रीति से अभ्यास करना है. विशेषकरः प्रार्थना करने के लिए खुद को समर्पित करना.धार्मिकता और सहायतार्थ कार्यों में सहभागी होना.स्वयं को अस्वीकार करते हुए, अपने उत्तरदायित्व को ईमानदारी से,विशेषकर उपवास  परहेज के माध्यम से निभाना. उपवास और परहेज करने के लिए आयु सीमाः उपवास और परहेज के नियम 14 ( चौदह )  साल से बड़े लोगों के लिए.उपवास और परहेज का नियम उन लोगों के लिए अनिवार्य है,जो 18 वर्ष पूरा कर चुके हैं और 60 वें वर्ष में है.( संख्या 1252.97) हालांकि पुरोहितों और माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो भी लोग अपनी उम्र के कारण उपवास और परहेज के नियम से बाध्य नहीं है,उन्हें सही अर्थ और तपस्या के अभ्यास से अवगत करायें. उपवास और परहेज ( संयम)  के दिनः उपवास के दिन (राख बुधवार और पुण्य शुक्रवार) परहेज रखने का दिन (सभी शुक्रवार चालीसे के सभी शुक्रवार) उपवास और संयक का तरीकाः रोजाना एक भोजन लेने को उपवास करना माना जाता है, अन्य समय हल्का भोजन करते हुए उपवास करना. कैथोलिक कलीसिया के सामान्य नियमानुसार सभी को मांस एवं मछलियों के सेवन से दूर रहना चाहिए.

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