झाबुआ और आलीराजपुर जिले में 11 मार्च से लगेंगे भगौरिया हाट, ग्रामीणों की देखेगी अल्हड़ मस्ती, इस बार कोविड का प्रकोप कम होने से ग्रामीणों में भगोरिया हाट करने को लेकर रहेगा अधिक उत्साह
झाबुआ। झाबुआ और आलीराजपुर जिले में इस वर्ष 11 मार्च से भगोरिया हाट आरंभ हो रहे है। जिसकी छटा और रंग दोनो जिलो में एक पखवाड़े पूर्व से ही देखने को मिलेगी। ग्रामीणजन, विशेषकर युवक-युवतियां विश्व प्रसिद्ध भगोरिया हाटों के लिए बाजारों से विभिन्न सामगीयों की खरीदी में जुटेंगे। बाजारों में विशेष रोनक एवं चहल-पहल नजर आएगी। इस बार मप्र सहित दोनो जिले में कोविड का प्रकोप कम होने से भगोरिया हाट अच्छे भरने की संभावना है। इसको लेकर जहां व्यापारी वर्ग आशांवित है तो वहीं ग्रामीणजनों में भी विशेष उत्साह है। ज्ञातव्य रहे कि पिछले दो वर्ष कोरोना के प्रकोप के कारण सरकार के निर्देश पर भगोरिया हाटों को निरस्त कर दिया गयाथा। भगोरिया हाटों की झाबुआ एवं आलीराजपुर जिले के ग्रामीण अंचलों के लोगों को वर्षभर प्रतिक्षा रहती है। इस दौरान ग्रामीण महिला-पुरूष क्या बच्चें, युवा, बड़े और बुजुर्ग, सभी भगोरिया मेलों में खूब मस्ती करते है एवं आनंद लेते है। ढोल-मांदल पर नृत्य करना, टोलियों के रूप में एक जैसे वस्त्र पहनकर घूमना, बाजारों में आभूषण, कपड़ों, श्रृंगार सामग्रीयों के साथ प्रिय मिठाई माजम-गुजरी का आनंद तो दूसरी ओर झूले-चकरी का मजा, पानी-बीड़े, स्वल्पाहार और ठंडाई आदि का जमकर लुत्फ उठाते है।
- व्यापारी वर्ग भी अच्छे व्यापार को लेकर आशान्वित
राजैनतिक पार्टियों द्वारा निकाली जाती है गैर
सुबह से लेकर शाम तक भगोरिया हाटों के आनंद लेने के बाद ग्रामीण अपने घरों की ओर लौटते है। भगोरिया हाटों में राजनैतिक पार्टियों द्वारा शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपनी-अपनी गैर निकाली जाती है। जिस दिन जिस स्थान पर हाट बाजार का दिन होता है, उस दिन भगोरिया हाट लगता है। यह दिन ग्रामीणजनों के लिए काफी विशेष महत्व रखा है। इस दौरान ताड़ी, शराब आदि का भी जमकर उठाव होता है। होली (धुलेंडी) से पूर्व में आने वाले सभी हाटों को भगोरिया हाट कहा जाता है।
कब कहां लगेंगे भगोरिया हाट
मिली जानकारी के अनुसार आगामी 11 मार्च, शुक्रवार को प्रथम भगोरिया हाट झाबुआ जिले में भगोर, मांडली, बेकल्दा, कालीदेवी एवं आलीराजपुर जिले में वालपुर, कट्ठीवाड़ा, उदयगढ़, 12 मार्च, शनिवार को झाबुआ जिले में मेघनगर, रानापुर, बामनिया, झकनावदा एवं आलीराजपुर जिले में नानपुर, उमराल, बलेड़ी, 13 मार्च रविवार को झाबुआ जिले में झाबुआ, ढोलियावाड़, रायपुरिया, काकनवानी एवं आलीराजपुर जिले में छकतला, सोरवा, आमखुट, कनवाड़ा, कुलवट, झीरन, 14 मार्च, सोमवार को झाबुआ जिले में पेटलावद, रंभापुर, मोहनकोट, कुंदनपुर, रजला, मेड़वा एवं आलीराजपुर जिले में आलीराजपुर, आजादनगर एवं बड़ागुड़ा, 15 मार्च, मंगलवार को झाबुआ जिले में पिटोल, थांदला, खरड़ू, तारखेड़ी, बरवेट एवं आलीराजपुर जिले में बखतगढ़, आंबुआ, अंधरवाड़, 16 मार्च, बुधवार को झाबुआ जिले में करवड, बोड़ायता, कल्याणपुरा, मदरानी, ढेकल, माछलिया, उमरकोट एवं आलीराजपुर जिले में बरझर, चांदपुर, खट्टाली, बोरी, 17 मार्च गुरूवार को अंतिम भगोरिया झाबुआ जिले में पारा, चैनपुर, समोई, हरिनगर, सारंगी तथा आलीराजपुर जिले में सोंडवा, जोबट और फुलमाल में संचालित होगा।
जिला चिकित्सालय मार्ग पर चौवीसो घंटे आवागमन रहने से दो-तीन स्पीड ब्रेकर बनाए जाने की सख्त आवश्यकता, वाहनों की रफतार तेज रहने से आए दिन होती है दुर्घटनाएं
झाबुआ। शहर के बस स्टेंड से सटे जिला चिकित्सालय मार्ग पर फव्वारा चौक से लेकर विजय स्तंभ तिराहे के बीच नगरपालिका को चाहिए कि वह दो-तीन स्पीड ब्रेकर बनवाए, ताकि भविष्य में होने वाले किसी भी बड़े हादसे से बचा जा सके। इस मार्ग पर चौवीसों घंटे आवागमन लगा रहने के साथ वाहनों की रफतार भी तेज रहती है। इस कारण अक्सर इस मार्ग पर छुटपुट वाहन दुर्घटनाएं भी पूर्व में हो चुकी है। जिला चिकित्सालय मार्ग बस स्टेंड, मुख्य बाजार एवं सज्जन रोड़ से जुड़ा होने के साथ इस मार्ग ही जिला चिकित्सालय, प्रसूति चिकित्सालय, ट्रामा सेंटर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय एवं चिकित्सा कॉलोनी, चर्च कॉलानी आने-जाने का भी रास्ता है। इसके साथ ही यह मार्ग विजय स्तंभ तिराहे से होकर हाईवे से जुड़ा होने से दिनभर बसों, जीपों, कार, लोडिंग, टाटा मेजिक वाहन, ऑटो रिक्शा, ट्रेक्टर आदि भी दिन-भर आते रहते है। दो पहिया वाहन एवं राहगीर तो सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन आना-जाना करते है। मार्गों के दोनो आरे दुकानों भी होने से यह मार्ग अति-व्यस्ततम मार्ग की श्रेणी में आता है।
- जिला चिकित्सालय के प्रवेश द्वार से मोड़ पर इजरमेंसी वाहनों का 24 घंटे लगा रहता है आना-जाना
वाहनों की रफतार को नियंत्रित करने के लिए ब्रेकर जरूरी
पूर्व में इस मार्ग पर कुछ छुटपुट दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। जाम लगने से अक्सर वाहन चालकों के बीच विवाद भी होते है। इस मार्ग पर जिला चिकित्सालय के प्रवेश द्वार होने से 108 एंबुलेंस, शव वाहन, जननी एक्सप्रेस वाहन आदि की भी रफतार तेज रहती है। ऐसे में कोई बड़ा हादसा हो, उससे पूर्व नगरपालिका प्रशासन इस ओर ध्यान देकर जिला चिकित्सालय के प्रवेश द्वार एक स्पीड ब्रेकर बनाने के साथ मार्ग के दोनो ओर थोड़ी-थोड़ी पर 2 अन्य ब्रेकर भी बनवाए, ताकि भविष्य में होने वाले कोई अप्रिय हादसे को टाला जा सके। इस संबंध में नगरपालिका सीएमओ एलएस डोडिया से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि मार्ग का अवलोकन कर स्पीड ब्रेकर बनवाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर शहर में लगे एशिया के सबसे बड़े सीएनजी प्लांट का किया वर्चुअल शुभारम्भ
थांदला। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में आज (शनिवार) देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया के सबसे बड़े सीएनजी प्लांट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो साल में देश के 75 बड़े नगर निकायों में इस प्रकार के गोबरधन बायो-सीएनजी प्लांट बनाने पर काम चल रहा है जबकि मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा प्लांट स्वच्छता का पर्याय इंदौर शहर में लगा है। उन्होंने कहा यह अभियान देश के शहरों को स्वच्छ बनाने में कारगार साबित होगा वहीं इससे शहरों को प्रदूषण रहित बनाने और क्लीन एनर्जी की दिशा में भी मदद मिलेगी। उन्होंने वर्चुअली बायो वेस्ट से बायो सीएनजी बनाने वाले प्लांट का लोकार्पण किया वही थांदला नगर परिषद ने स्थानीय इनडोर स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित कर देश के प्रधानमंत्री के कार्य को देश की बड़ी उपलब्धि बताई। इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष बंटी डामोर ने कहा कि यह सीएनजी प्लांट देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड में बनाया गया है। जिसके लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस प्लांट के लिए आभार जताया है वही इसे हर नगर पालिका व नगर परिषद तथा पंचायतों को जोड़ने का काम भी किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी भारतसिंह टांक, नेता प्रतिपक्ष लक्ष्मण राठौड़, रोहित बैरागी,आनंद चौहान, पीटर बबेरिया, यशदीप अरोरा, टिटिया भाई, इंजीनियर अभिषेक परिहार व पत्रकार आदि उपस्थित थे।
- थांदला नगर परिषद ने कार्यक्रम आयोजित कर इसे बताया स्वच्छ भारत के लिए बड़ी उपलब्धि
सभी समाज को साथ में लेकर कांग्रेस पार्टी ने देश की तरक्की की है.... विधायक वीरसिंह भूरिया
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें