बिहार : नीतीश ने अध्यक्ष को नहीं बल्कि आसन को अपमानित किया है : चिराग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 15 मार्च 2022

बिहार : नीतीश ने अध्यक्ष को नहीं बल्कि आसन को अपमानित किया है : चिराग

chirag-attack-nitish
पटना : कार्यवाही के दौरान सदन में विधानसभा अध्यक्ष पर की गई टिप्पणी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर निंदा हो रही है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान ने इसे गलत बताते हुए मुख्यमंत्री की निंदा की है। चिराग ने कहा कि भारत की संसद हो या किसी राज्य की विधानसभा हो या विधान परिषद उसको सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी पूरे तरीके से भारतीय संविधान के अनुसार कुर्सी पर बैठे हुए अध्यक्ष की होती है। लेकिन, आज जिस तरीके से बिहार विधानसभा में मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा अध्यक्ष को नहीं बल्कि उस कुर्सी को अपमानित किया गया। यह अत्यंत निंदनीय है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि किसी मुख्यमंत्री ने किसी अध्यक्ष की बातों को अनसुना कर उनकी जिस तरीके से बेइज्जती की है। इसकी लोजपा (रामविलास) घोर निंदा करती है। इस तरीके का मुख्यमंत्री का अहंकारी व्यवहार किसी भी सदन के सुचारू रूप से चलने की लिखित कार्यशैली के बिल्कुल विपरीत है। मालूम हो कि सदन में बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ आशिष्ट आचरण करने वाले डीएसपी समेत दो थाना प्रभारी को मौजूदा पोस्टिंग से नहीं हटाने का मामला भाजपा विधायक संजय सरावगी द्वारा उठाते ही सदन में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष आमने-सामने हो गएथे। सदन में एक बार फिर नीतीश कुमार आज आग-बबूला हो गए थे। विधानसभा अध्यक्ष पर चिल्लाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप बार-बार एक ही मामले को सदन में उठाकर सदन को स्थगित नहीं कर सकते हैं। आप संविधान का खुलेआम उलंघन कर रहे हैं, आप कौन होते हैं रिपोर्ट मांगने वाले। एक बार संविधान उठाकर देख लीजिए फिर पता चल जाएगा, ऐसा आज तक नहीं हुआ है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं इस मामले पर अपडेट लूंगा और विभाग के अधिकारियों से पूछूंगा कि इसमें कितना काम हुआ है। नीतीश कुमार को जवाब देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपने अभी तक लखीसराय मामले पर कार्रवाई नहीं की है। तीन बार इस मामले को लेकर सदन में हंगामा हो चुका है। आप ऐसा करके सदन को हतोत्साहित नहीं कर सकते हैं। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है, अगर मैं क्षेत्र की बात भी नहीं उठा सकूं तो फिर इसका क्या औचित्य?

कोई टिप्पणी नहीं: