अविश्वास प्रस्ताव गहरी साजिश, अंतिम दम तक लड़ूंगा : इमरान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 31 मार्च 2022

अविश्वास प्रस्ताव गहरी साजिश, अंतिम दम तक लड़ूंगा : इमरान

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इस्लामाबाद, 31 मार्च, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को विदेशी ताकतों और देश के भ्रष्ट विपक्षी नेताओं के बीच की गहरी साजिश करार देते हुए कहा कि वेे इसके आगे नहीं झुकेंगे और आखिरी दम तक इसका मुकाबला करेंगे। पाकिस्तान की जनता के नाम टेलीविजन पर सीधे प्रसारण में संबोधन करते हुए क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान खान ने लोगों का आह्वान किया कि वे इस साजिश को पहचानें और इसमें शामिल देश के नेताओं और विदेशी ताकतों को कभी न भूलें। श्री खान ने इस्तीफे की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि वे लड़ेंगे और मजबूत होकर उभरेंगे। अपनी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर रविवार को नेशनल असेंबली में होने वाले मतदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दिन पाकिस्तान की दिशा तय होगी। इसमें यह तय होगा कि क्या पाकिस्तान भ्रष्टाचार के मामलों का सामना करेगा और भ्रष्टाचार में डूबे नेताओं के हाथ में जाएगा। श्री खान ने चर्चित पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इसमें अविश्वास प्रस्ताव का भी जिक्र है और इससे जाहिर होता है कि प्रस्ताव साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा यह पत्र दिखाकर खौफ पैदा करना नहीं है बल्कि यह पत्र उन्होंने साजिश को उजागर करने के लिए पहले मंत्रिमंडल के सामने रखा, फिर सुरक्षा परिषद की बैठक में रखा, संसद की समिति के सामने रखा और फिर पत्रकारों को दिखाया। श्री खान ने कहा कि वह पाकिस्तान की विदेश नीति को पाकिस्तान के 22 करोड़ लोगों के हित में बनाना चाहते हैं। यह नीति अमेरिका यूरोप या भारत के खिलाफ नहीं है। इमरान खान ने अपने संबोधन में भारत का भी जिक्र किया और कहा कि जब भारत ने पांच अगस्त 2019 को कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया तब उन्होंने उस कदम का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ पश्चिम की लड़ाई में पाकिस्तान को फ्रंटलाइन स्टेट बनाना, जनरल परवेज मुशर्रफ की सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के हस्तक्षेप के खिलाफ लड़ाई में साथ देने के लिए हजारों की संख्या में मुजाहिदों को प्रशिक्षण दिया, और वही मुजाहिदीन बाद में पाकिस्तान के खिलाफ हो गए। पश्चिमी देशों की गुलामी का विरोध करने के लिए ही उन्हें तालिबान खान कहा गया। श्री खान का भाषण भारतीय समयानुसार 7:45 पर शुरू होना था लेकिन यह करीब एक घण्टे बाद शुरू हुआ।

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