बिहार : माले का राज्यव्यापी विरोध दिवस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 3 अप्रैल 2022

बिहार : माले का राज्यव्यापी विरोध दिवस

  • राजधानी पटना में कारगिल चैक पर माले कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर जताया विरोध

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पटना 3 अप्रैल, बिहार विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन अध्यक्ष विजय सिन्हा द्वारा माले विधायकों के मार्शल आउट, संवैधानिक संस्थाओं के भाजपाकरण, राज्य में अपराध व लूट की बढ़ती घटनाओं और भाजपा-आरएसएस के समक्ष नीतीश कुमार के पूर्ण आत्मसमर्पण के खिलाफ आज भाकपा-माले ने राज्यव्यापी विरोध दिवस आयोजन किया. राजधानी पटना में कारिगल चैक पर माले कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन व सभा के जरिए विरोध जताया. इसके अलावा औरंगाबाद; नालंदा के बिहारशरीफ, हिलसा व इसलामपुर; बक्सर के डुमरांव व ब्रह्मपुर; सहरसा, अरवल, रोहतास, छपरा, सुपौल, कैमूर के कुदरा, आरा, सिवान, दरभंगा, गोपालगंज, जहानाबाद, गया आदि जिलों में भी विरोध प्रदर्शन-किए गए. पटना के कारिगल चैक पर आयोजित विरोध सभा को राज्य कमिटी सदस्य व ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, राज्य कमिटी सदस्य व एआइपीएफ के संयोजक कमलेश शर्मा, आइसा नेता नीरज यादव, माले नेता अशोक कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता अशर्फी दास आदि ने संबोधित किया, जबकि संचालन राज्य कमिटी सदस्य व ऐक्टू नेता जितेन्द्र कुमार ने की. वक्ताओं ने कहा कि राज्य में लगातार गिरती कानून-व्यवस्था, माॅब लिंचिंग, भाजपा-आरएसएस द्वारा सांप्रदायिक उन्माद भड़काने की साजिशों, दलितों-अतिपिछड़ों-पिछड़ों व महिलाओं पर बर्बर सामंती व पितृसत्तात्मक हमले, अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा प्रचार, राज्य में लूट की बढ़ती घटनाओं आदि विषयों पर माले विधायक विधानसभा के अंदर विगत 31 मार्च को बहस चाहते थे, लेकिन भाजपाई विधानसभा अध्यक्ष ने सभी माले विधायकों को जबरदस्ती सदन से बाहर करवाके एक बार फिर लोकतंत्र की हत्या की. आज पूरे राज्य में हत्या व लूट की घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है. पिछले बजट सत्र के दौरान भी विपक्ष के विधायकों की बर्बर पिटाई की गई थी, जिसने पूरी दुनिया में बिहार व लोकतंत्र को शर्मसार किया था. इस घटना को लेकर गठित कमिटी की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर आने के पहले एक अखबार में प्रकाशित हो गया, जिसमें विधायकों को ही दोषी ठहराया गया है. जाहिर सी बात है कि वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा विपक्ष पर विभिन्न तरीकों से हमलावर होना चाहती है और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का गला घोंट रही है. माले विधायकों के पहले एमआईएम के विधायक को भी मार्शल आउट किया गया. आज अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. खुद मुख्यमंत्री पर हमला हुआ. समस्तीपुर में जदयू नेता खलील रिजवी की माॅब लिंचिंग हुई, तो दानापुर में जदयू के ही नेता दीपक वर्मा की हत्या कर दी गई. मधेपुरा में रेप का विरोध कर रही एक दलित महिला को सरेआम निर्वस्त्र करके पीटा गया. नालंदा, चंपारण, गया, बेगूसराय आदि तमाम जगहों पर आम लोगों पर हमले हो रहे हैं. बेगूसराय के सांसद व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ वक्तव्य दिया. भाजपा व आरएसएस आज पूरे राज्य में सांप्रदायिक माहौल खराब करने में लगे हुए हंै. नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार क्रिमिनलाइजेशन, करप्शन और कम्युनलिज्म पर जीरो टाॅलरेंस का दावा करते नहीं अघाते , लेकिन आज पूरा बिहार पुलिस व सामंती-अपराधियों के आतंक और भाजपा व आरएसएस के सांप्रदायिक उन्माद से से कराह रहा है, तो उन्होंने चुपी साध रखी है और पूरी तरह से भाजपाइयों के सामने सरेंडर कर दिया है. इसे पूरा बिहार देख रहा है. राज्य के इन ज्वलंत सवालों पर नीतीश सरकार को भागने नहीं दिया जाएगा. लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर कर तानाशाही थोपने की इन कार्रवाइयों के खिलाफ भाकपा-माले सदन से लेकर सड़क तक संघर्ष करेगी. आज के कार्यक्रम में उक्त वक्ताओं के अलावा माले नेता उमेश सिंह, पन्नालाल, मुर्तजा अली, संतोष पासवान, आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष विकास यादव, आइसा नेता कुमार दिव्यम, इनौस नेता विनय कुमार, आइसा के चंदन यादव, अनिमेष चंदन, आदित्य रंजन, दीपिका प्रिया, साकेत सूर्या आदि उपस्थित थे.

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