भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद गठित करेंगे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 25 अप्रैल 2022

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद गठित करेंगे

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नयी दिल्ली 25 अप्रैल, भारत एवं यूरोपीय संघ ने व्यापार, प्रौद्याेगिकी एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग का प्रगाढ़ बनाने के लिए भारत यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद के गठन किये जाने का आज फैसला किया। दोनों देश जलवायु परिवर्तन, डिजीटल प्रौद्योगिकी और जनता के बीच संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग को सशक्त बनाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सूला वान देर लियेन के बीच यहां सात लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास में हुई बैठक के दौरान ये निर्णय लिये गये। विदेश मंत्रालय ने बताया कि श्री मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष के बीच आज यहां बैठक में दोनों नेताओं ने भारत ईयू रणनीतिक साझीदारी में प्रगति की समीक्षा की और व्यापार, जलवायु परिवर्तन, डिजीटल प्रौद्योगिकी और जनता के बीच संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग को और प्रगाढ़ एवं सघन बनाने पर सहमति व्यक्त की। बैठक में भारत-ईयू व्यापार एवं तकनीकी परिषद के गठन को लेकर भी दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की। यह रणनीतिक समन्वय प्रणाली दोनों पक्षों को व्यापार, भरोसेमंद प्रौद्योगिकी एवं सुरक्षा के गठजोड़ के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। इस प्रकार से भारत एवं ईयू के बीच इन क्षेत्रों में सहयोग प्रगाढ़ होगा। दोनाें पक्षों ने भूराजनीतिक माहौल में आ रहे बदलावों का हवाला देते हुए रणनीतिक संपर्क को बढ़ाने की जरूरत जतायी। व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद भारत एवं यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं के बीच सतत वृद्धि के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक निर्णयों को लागू करने, तकनीकी कार्यों में समन्वय एवं राजनीतिक रिपोर्टिंग के लिए जरूरी ढांचा एवं राजनीतिक गति मुहैया कराएगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद भारत के लिए ऐसी पहली तथा ईयू के लिए दूसरी प्रणाली है। यह परिषद भारत एवं यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक साझीदारी का एक महत्वपूर्ण अंग होगी और इससे दोनों ओर से लोगों को लाभ होगा। दोनों पक्षों ने मौजूदा वक्त की चुनौतियों और भूराजनीतिक परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्धता जतायी है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि भारत और ईयू के राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के वर्ष में दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गये हैं। हम जीवंत लाेकतंत्र एवं विशाल अर्थव्यवस्थाएं है और हमारे बीच बहुत सारी समानताएं हैं लेकिन हम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसलिए आज की बैठक बहुत ही सराहनीय है। बैठक के बाद श्री मोदी ने बैठक के बारे में ट्वीट में कहा, “आज यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान देर लियेन के साथ बातचीत करके खुशी हुई। हमने आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों सहित भारत-ईयू संबंधों के पूरे कार्य-क्षेत्र की समीक्षा की।” सुश्री उर्सुला वान देर लियेन ने कहा कि यूरोपीय संघ की अमेरिका के साथ केवल एक ही व्यापार एवं तकनीकी परिषद है, इस समय भारत के साथ दूसरी व्यापार एवं तकनीकी परिषद का गठन किया जाए। हमारे लिए भारत एक प्रौद्याेगिकी पावरहाउस है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष भारत की दो दिन की यात्रा पर रविवार को यहां पहुंचीं। प्रधानमंत्री के साथ बैठक के पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनसे भेंट की। वह शाम को विदेश मंत्रालय एवं ऑब्ज़र्वर्स रिसर्च फाउंडेशन द्वारा भू राजनीतिक एवं भू आर्थिकी पर आधारित रायसीना संवाद के उद्घाटन सत्र में शामिल होंगी।

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