श्रीनगर 10 अप्रैल, जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बिशंबर नगर इलाके में रविवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर ए तैयबा का एक शीर्ष कमांडर सहित दो पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गये। एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर के बिशंबर नगर इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के संबंध में श्रीनगर पुलिस द्वारा प्राप्त पुख्ता सूचना के आधार पर श्रीनगर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वैली क्विक एक्शन टीम (क्यूएटी) ने आज पूर्वाह्न लगभग 10.50 बजे क्षेत्र में एक घेरा और तलाशी अभियान शुरू किया गया था। उन्होंने कहा, “तलाशी अभियान के दौरान जैसे ही संयुक्त तलाशी दल संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ा, वहां छिपे हुए आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों के जवानों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाबी कार्रवाई में मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के दौरान शुरू में एक आतंकवादी मारा गया।” उन्होंने बताया कि पर्यटकों की आवाजाही और क्षेत्र में भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए, पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने अधिकतम संयम बरता और किसी भी नागरिक हताहत से बचने के लिए पेशेवर तरीके से अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि नागरिकों को निकालने के दौरान फंसे हुए आतंकवादी ने एक ग्रेनेड फेंका, जिसके कारण तीन पुलिस और सीआरपीएफ के जवान मामूली रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। इस बीच, अभियान फिर से शुरू किया गया और सुरक्षा बलों के जवानों ने वहां छिपे हुए एक और आतंकवादी को मार गिराया। मारे गए दोनों आतंकवादियों के शव मुठभेड़ स्थल से बरामद कर लिए गए है।
उन्होंने कहा, “मारे गए दोनों आतंकवादी पाकिस्तानी थे और उनकी पहचान मोहम्मद भाई उर्फ अबू कासिम उर्फ मीर शोएब उर्फ मुदस्सिर और अबू अरसलान उर्फ खालिद उर्फ आदिल के रूप में हुई है।” उन्होंने बताया कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मारे गए दोनों आतंकवादियों को ‘ए’ श्रेणी में रखा गया था और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर से संबंधित थे। उन्होंने बताया कि मोहम्मद भाई साल 2019 से आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय था जबकि अबू अरसलान साल 2021 से मध्य कश्मीर में सक्रिय था। उन्होंने कहा, “मारे गए दोनों आतंकवादी पिस्टल से हमले और ग्रेनेड फेंकने की घटनाओं सहित आतंकवादी अपराध के मामलों में शामिल थे। वे चार अप्रैल को मैसूमा इलाके में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले में भी कथित रूप से शामिल थे, जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया और दूसरा घायल हो गया था।” मारे गए दोनों आतंकवादियों ने अपनी पहचान छुपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड बना रखा था। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। बरामद सभी सामग्रियों को आगे की जांच के लिए केस रिकॉर्ड में ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “लोगों से अनुरोध है कि जब तक कि मुठभेड़ स्थल पर क्षेत्र पूरी तरह से साफ नहीं कर लिया जाता और सभी विस्फोटक सामग्री (यदि कोई हो) को हटा नहीं लिया जाता है, तब तक वे पुलिस के साथ सहयोग करें।” उधर, पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने पेशेवर तरीके से अभियान करने और कम से कम समय में वांछित आतंकवादियों को मार गिराने के लिए पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह अभियान सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक है कि कैसे एक आतंकवादी अपराध मामले की जांच आतंकवाद विरोधी अभियान की ओर ले जाती है। यह निश्चित रूप से श्रीनगर पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा कि नागरिकों, पुलिस, सुरक्षा बलों या किसी अन्य आतंकवादी वारदात में शामिल आतंकवादियों का पता लगाया जाएगा और प्राथमिकता के आधार पर उन्हें निष्प्रभावी किया जाएगा।
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