सामाजिक संस्था सेव द इंडियन फार्मर्स ने पुणे में 'ग्रामीण विकास और मानवीय कार्यों में प्रतिभागियों की भूमिका' पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन किया । इस चर्चा सत्र में पानीवाले बाबा राजेंद्र सिंहजी, पानी फाउंडेशन के सीईओ सत्यजीत भटकल, गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र खिमानी, वागधारा संस्था सचिव जयेश जोशी, गांधीवादी समाज के श्री भद्र भुटाला उपस्थित थे. देशभर से आये स्वयंसेवी संस्थाओ ने अपनी अपनी भुमिका विशद करते हूए सामाजिक कल्याण के लक्षो को निर्धारित किया गया बुंदेलखंड के परमार्थ के संजय सिंह ने सेव इंडियन के साथ अपनी यात्रा सुनाई। गुजरात में, सामवेदना बच्चूभाई ने जल ही जीवन पर अपनी कार्य को अवगत कीया । वागधारा संस्था के सचिव जयेश जोशी जी ने अपने विचार व्यक्त करते हूए कहाँ की चावल का निर्यात यह हमारे पानी का निर्यात है और हमे इस पर विचार करने की आवश्यकता है एव पानी हमारी सदियों सभ्यता और संस्कृति कि धरोहर के रूप में संरक्षित करने और जनजातिय समुदाय का पारंपरिक ज्ञान कौशल अमल लाने की बात कही गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. खिमानी ने ग्राम स्वराज्य पर महात्मा गांधी के विचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला, तो कोई शोषित भूमि या श्रमिक नहीं होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें गांधीवादी विचारों का अनुसरण करना चाहिए। जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने जल संरक्षण संचयन और विकास प्रक्रिया कि अवधारणा पर अपने विचार व्यक्त किये ! गांधी सोसायटी के संजय राय ने एक सुंदर भाषण दिया और कहा कि गांधी के विचार हमेशा याद किए जाएंगे सेव द इंडियन फार्मर्स के श्री महेश वानी, श्री दिनार वालावलकर और श्री यशवंत यादव और वागधरा संस्था के कृषी विशेषज्ञ पी एल पटेल एवं रविंद्र सिंह को इस अभिनव चर्चा सत्र में देश भर में ग्रामीण विकास और मानवीय कार्यों में शामिल गणमान्य व्यक्तियों के साथ अपने अनुभव और विचार साझा करने के लिए बधाई।
गुरुवार, 26 मई 2022
'ग्रामीण विकास और मानवीय कार्यों में प्रतिभागियों की भूमिका' पर संगोष्ठी
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