विजय सिंह ,लाइव आर्यावर्त, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सहमति के पश्चात झारखंड सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में निर्मित विधानसभा और उच्च न्यायालय भवन के निर्माण में हुई गड़बड़ियों की जांच न्यायिक आयोग से करवाने का आदेश जारी कर दिया। बताते चलें कि विगत वर्ष ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर इन अनियमितताओं की जांच का जिम्मा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपा गया था। अब इन्ही मामलों की जाँच जुडिशल कमीशन करेगी। जानकारी के मुताबिक झारखंड विधान सभा भवन के निर्माण में 465 करोड़ रुपयों की लागत आई जबकि झारखंड उच्च न्यायालय भवन के निर्माण की अनुमानित लागत 697 करोड़ रुपये है। इन दोनों महत्वपूर्ण भवनों के निर्माण में रघुवर दास नीत पिछली सरकार पर आरोप है कि भारी मात्रा में निर्माण की गुणवत्ता और बजट में गड़बड़ी की गई है और बिना किसी पूर्व अनुमति और टेंडर के बजट में बेतहाशा वृद्धि की गई। मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने भी इन भवनों के निर्माण में गड़बड़ियों की जांच में निर्माण कार्य को मानकों के अनुरूप नहीं पाया। उल्लेखनीय है कि झारखंड विधानसभा और झारखंड उच्च न्यायालय भवनों के निर्माण कार्य का ठेका रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। आरोप है कि कार्य आवंटन के समय निर्धारित लागत को बाद में बिना टेंडर और अधिकृत अनुमति के काफी बढ़ा दिया गया था और निर्माणाधीन क्षेत्रफल में भी वास्तु दोष का हवाला देकर बिना अनुमति बढ़ोत्तरी की गई थी। इस संदर्भ में आरोपों में घिरी पूर्ववर्ती सरकार और ठेका कंपनी रामकृपाल कंस्ट्रक्शन की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
शुक्रवार, 27 मई 2022
हेमंत सोरेन ने दिए झारखंड विधानसभा भवन निर्माण गड़बड़ी की न्यायिक जांच के आदेश
Tags
# झारखण्ड
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
झारखण्ड
Labels:
झारखण्ड
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें