देश के750 जिलों में खुल चुके हैं जनऔषधि केन्द्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 11 मई 2022

देश के750 जिलों में खुल चुके हैं जनऔषधि केन्द्र

  • स्वस्थ भारत न्यास स्वास्थ्य अमृत मंथन शिविरसे निकले सार-पार्ट-2

30 फीसद वार्षिक बढ़ोत्तरी के साथ खुल रहे हैं जनऔषधिकेन्द्र : रवि दाधिच, सीइओ, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना·, जनऔषधि केन्द्र खोलने वालों को 15 हजार रुपये तक मासिकइंसेटिव·, जनऔषधि ने बेचे 23 करोड़ पैड ·  

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नईदिल्ली/ गाजियाबाद“जनऔषधि ने देश के गरीब जनता कोसस्ती और गुणवत्तायुक्त दवाइयों का विकल्प दिया है। देश के 750 जिलों में कम से कमएक जन औषधि की दुकान है। मैं एक बात साफ करना चाहता हूँ कि जन औषधि आयुर्वेद कीदवा नहीं है। यह एलोपैथिक दवा ही है। बस इसकी कीमत कंम होती है। यह सस्ती होती हैलेकिन उतनी ही फायदे वाली है जितनी इसकी महंगी वर्जन वाली दवा होती है। यह भी शोधऔर मानवीय टेस्ट में सफल होने के बाद जारी होती है। बस सरकार और निर्माता इसका दामकम रखते हैं क्योंकि यह जनता के भले के लिए बनाई जाती है। 350 जनऔषधि केंद्र सिर्फदिल्ली में हैं।” उक्त बातें प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना केमुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रवि दाधीच ने स्वस्थ भारत (न्यास) द्वारा आयोजित दोदिवसीय स्वास्थ्य अमृत मंथन शिविर में मुख्य वक्तव्य देते हुए कही।  उन्होंने आगे बताया कि, ‘जन औषधि की भंडारण व्यवस्था बहुत ही बेहतर है। उन्होंने कहा कि,लोगों तक सस्ती दवाइयां समय तक पहुंच सके इसके लिए चार वेयर हाउस बनाएं गए हैं।दिल्ली, गुडगाँव, सूरत और गुहाटी। 38 के करीब जिला स्तर पर डिस्ट्रीबूयटर हैं जोनजदीकी जन औषधि केंद्र पर दवा को पहुंचाने का काम करते हैं। सरकार जनता के स्वास्थ्यको लेकर सजग है। इसलिए हर साल 1000 जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं। यह योजनाप्रति वर्ष 30 प्रतिशत बढ़ रही है।‘ सेवा और रोजगार के मूल मंत्र को रेखांकितकरते हुए उन्होंने कहा कि, “जो व्यक्ति जन औषधि केंद्र खोलता है उसे सरकार 15000रुपये तक का प्रतिमाह इंसेटिव देती है। 3 साल तक सरकार दुकानदार को सहयोग करती है5 लाख तक अनुदान दिया जाता है।”“महिला स्वास्थ्य को बेहतरकरने में जनऔषधि की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि, महिलाओं के लिए महामारी संदर्भित स्वास्थ्य रक्षा को ध्यान में रखकर 1 रुपये में पैड तैयार किया गया है। 10 रुपये का एक पैक मिलता है। अब तक 23करोड़ पैक बनाकर मार्केट में बेचा गया है। यह पैड पर्यावरण में खुद ही नष्ट हो जातेहैं। इनसे प्रदूषण नहीं फैलता है। ये बायोग्रेडिबल पैड हैं।”जनऔषधि केन्द्र तक पहुंचनेके बारे में बताते हुए उन्होंने बताया कि, जनऔषधि के बारे में ज्यादा जानकारीप्राप्त करने के लिए सरकार ने सुगम एप लॉन्च किया है। जिसकी मदद से आम जनता अपने नजदीकीजनऔषधि केंद्र तक जा सकती है। दवा जिसकी जरूरत है उसको भी एप पर सर्च किया जा सकताहै।” स्वास्थ्यपारिस्थितिकी तंत्र में जनऔषधि की भूमिका पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुएमेवाड़ विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ अशोक गदिया ने कहा कि, “जनऔषधि के बारे में लोगों कोजागरूक करने की बहुत जरूरत है। उन्होंनेकहा कि, ‘हमारे प्रधानमंत्री भी स्वास्थ्य और शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में देखते हैं। मेरा मानना हैकि भावी युवा पीढ़ी में जो अभी डॉक्टरी पढ़ रहे बच्चे हैं उनके ऊपर अभी कोईव्यवसायिक दबाव नहीं उनका मन अभी साफ पाक है। उन्हें जन औषधि से परिचित कराया जाएऔर उनको शपथ दिलाया जाए जैसा डॉक्टर लेते हैं। सेवा के लिए वैसे ही उन्हें अपनेमरीजों को जन औषधि देने के लिए प्रेरित किया जाए।” स्वस्थ भारत न्यास के सातवें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित दोदिवसीय स्वास्थ्य अमृत मंथन शिविर में इस सत्रका संचालन मेवाड़ यूनिवर्सिटी के निदेशक श्री शशांक द्विवेदी ने किया।

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