चुनावी बांड से भाजपा की आय में भारी कमी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 3 जून 2022

चुनावी बांड से भाजपा की आय में भारी कमी

bjp-electoral-bond-collection-reduce
नयी दिल्ली, तीन जून, वित्त वर्ष 2021 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कुल आय में 80 प्रतिशत अर्थात 752 करोड़ रुपये की गिरावट आई है क्योंकि इस दौरान चुनावी बांड के जरिए दान के रूप में उसे मिलने वाली राशि पिछले वित्त वर्ष के 2,555 करोड़ के मुकाबले घटकर 22.38 करोड़ हो गई। निर्वाचन आयोग में 21 मई को दायर वित्त वर्ष 2020-21 के ऑडिट रिपोर्ट में भाजपा ने अपना कुल खर्च 620.39 करोड़ रुपये दर्शाया है जबकि आय 752.33 करोड़ रुपये बतायी है। पिछले वित्त वर्ष में भाजपा ने 3,623.28 करोड़ रुपये की कुल आय की घोषणा की थी और उसने 1651.02 करोड़ रुपये ही खर्च किए थे। मार्च 2021 तक चुनावी बांड से पार्टी को 22.38 करोड़ रुपये हासिल हुए, जबकि मार्च 2020 में उसने चुनावी बांड के जरिए 2,555 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की थी। चुनाव प्रचार मद के तहत भाजपा ने निर्वाचन आयोग को 421 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया है जबकि पिछले वित्त वर्ष में उसने इस मद में 1352 करोड़ रुपये का खर्च दर्शाया था। पार्टी ने विज्ञापनों, हेलीकॉप्टर के किराए, विमान, होर्डिंग, कट-आउट, उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता और अन्य को अनुदान में इन खर्चों का दर्शाया गया है। आम तौर पर लोकसभा चुनाव के दौरान आय और खर्च में वृद्धि होती है। चुनावी बांड का इस्तेमाल व्यक्तियों, संस्थाओं और संगठनों द्वारा राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए किया जाता है।

कोई टिप्पणी नहीं: