भारतीय बैंकों, मुद्रा को अहम हिस्सा बनाने की जरूरत : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 6 जून 2022

भारतीय बैंकों, मुद्रा को अहम हिस्सा बनाने की जरूरत : मोदी

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नयी दिल्ली, छह जून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत के बैंकों और मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने साथ ही वित्तीय संस्थानों से आह्वान किया कि वे वित्तीय और कंपनी संचालन की बेहतर प्रथाओं को लगातार प्रोत्साहित करें। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत वित्त मंत्रालय और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के ‘अनुप्रतीकात्मक सप्ताह’ (आइकॉनिक वीक) समारोह का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कि भारत ने विभिन्न वित्तीय समावेशन मंच विकसित किए हैं और इनके बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘इन वित्तीय समावेशन समाधानों का विश्वस्तर पर विस्तार करने के प्रयास होने चाहिए।’’ अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे बैंक, हमारी मुद्रा अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला के अंतरराष्ट्रीय व्यापार का व्यापक हिस्सा कैसे बनें, इसपर भी ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। मोदी ने कहा कि दुनिया के एक बड़े हिस्से को भारत से समस्याओं के समाधान की उम्मीद है और यह इसलिए संभव हो पा रहा है, क्योंकि पिछले आठ वर्षों में सरकार ने सामान्य भारतीय के विवेक पर भरोसा किया और जनता को विकास में ईमानदार भागीदार के रूप में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया सिर्फ एक बड़े उपभोक्ता बाजार के रूप में ही नहीं, बल्कि एक समर्थ, पासा पलटने वाले और नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में आशा और अपेक्षाओं से हमारी तरफ देख रही है।’’ इस मौके पर उन्होंने ‘जन समर्थ’ पोर्टल की शुरुआत भी की, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के लिए 12 सरकारी योजनाओं को एक मंच पर लाकर उन तक पहुंच को डिजिटल माध्यमों से और आसान व सरल बनाना है। उन्होंने सिक्कों की एक नयी श्रृंखला भी जारी, जो 'दृष्टिहीनों के अनुकूल' भी हैं।


ये सिक्के 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये मूल्यवर्ग के हैं और इनपर आजादी के अमृत महोत्सव (एकेएएम) का डिजाइन बना है। उन्होंने कहा, ‘‘ये नए सिक्के देश के लोगों को निरंतर अमृतकाल के लक्ष्य याद दिलाएंगे, उन्हें राष्ट्र के विकास में योगदान के लिए प्रेरित करेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जन समर्थ पोर्टल का उद्देश्य अलग-अलग मंत्रालयों की विभिन्न वेबसाइट के चक्कर लगाने से बेहतर एक ही पोर्टल तक पहुंच सुनश्चित करना है ताकि आम जन की समस्याओं का समाधान हो। उन्होंने कहा, ‘‘अब भारत सरकार की सभी ऋण से जुड़ी योजनाएं अलग-अलग साइट पर नहीं, बल्कि एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी।’’ इस अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 13 सरकारी योजनाओं को जन समर्थ पार्टल से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए नागरिकों को एक ही सवाल बार-बार ना पूछना पड़े, इसके लिए यह पोर्टल उन्हें आसान तरीके उपलब्ध कराएगा।’’ मोदी ने कहा कि जन केंद्रित शासन और सुशासन की दिशा में निरंतर प्रयास पिछले आठ वर्षों की पहचान है। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि इस दौरान स्थायी आवास, बिजली, गैस, पानी, मुफ्त इलाज से गरीबों को वह सम्मान मिला, जिसके वे हकदार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत ने जो सुधार किए हैं, उनमें बड़ी प्राथमिकता इस बात को भी दी गई है कि देश के युवाओं को अपना सामर्थ्य दिखाने का पूरा मौका मिले। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे युवा अपनी मनचाही कंपनी आसानी से खोल पाएं, वे अपने उद्यम आसानी से स्थापित कर पाएं, उन्हें आसानी से चला पाएं, इसके लिए 30 हजार से ज्यादा स्वीकृति संबंधी खामियों को कम करके, डेढ़ हजार से ज्यादा कानूनों को समाप्त करके, कंपनी कानून के अनेक प्रावधानों को अवैध मानना बंद करके यह सुनिश्चित किया गया है कि भारत की कंपनियां न सिर्फ आगे बढ़ें, बल्कि नई ऊंचाई प्राप्त करें।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार के साथ ही सरकार ने जिस बात पर ध्यान केंद्रित किया है, वह है सरलीकरण। उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि केंद्र और राज्य के कई तरह करों के जाल की जगह अब माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ने ले ली है।


मोदी ने कहा, ‘‘इस सरलीकरण का नतीजा भी देश देख रहा है। अब हर महीने जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के पार जाना सामान्य बात हो गई है।’’ पिछली सरकारों को कटघरे में खड़ा करने की कोशिशों के तहत प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले मौजूद सरकार-केंद्रित शासन का देश ने बहुत बड़ा खामियाजा उठाया है। उन्होंने दावा किया, ‘‘आज 21वीं सदी का भारत जन-केंद्रित रुख अपनाकर आगे बढ़ रहा है।’’ मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले आठ वर्षों में अलग-अलग आयामों पर काम किया है और इस दौरान जो जन-भागीदारी बढ़ी, उससे देश के विकास को गति मिली है तथा गरीब से गरीब नागरिक सशक्त बना है। उन्होंने कहा, ‘‘स्वच्छ भारत अभियान ने गरीब को सम्मान से जीने का अवसर दिया। पक्के घर, बिजली, गैस, पानी, मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं ने गरीब की गरिमा बढ़ाई, सुविधा बढ़ाई। कोरोनाकाल में मुफ्त राशन की योजना ने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को भूख के खतरे से मुक्ति दिलाई।’’ उन्होंने कहा कि आज देश में लगभग 70 हजार स्टार्टअप हैं और हर दिन इसमें दर्जनों नए सदस्य जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज देश जो हासिल कर रहा है, उसमें बहुत बड़ी भूमिका स्व-प्रेरणा की है... सबके प्रयास की है। देशवासी आत्मनिर्भर भारत अभियान से, ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों से भावनात्मक रूप से जुड़ गए हैं।’’ उल्लेखनीय है कि वित्त और कंपनी मामलों का मंत्रालय छह से 11 जून तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत ‘अनुप्रतीकात्मक सप्ताह’ आयोजित कर रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव के ‘अनुप्रतीकात्मक सप्ताह’ के दौरान कंपनी मामलों के मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के तहत आने वाली सभी विभाग अपने समृद्ध इतिहास और विरासत के साथ-साथ आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्परता का प्रदर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री ने जिस जन समर्थ पोर्टल की शुरुआत की है, उसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के लिए सभी योजनाओं को एक मंच पर लाकर सभी योजनाओं की पहुंच को डिजिटल माध्यमों से और आसान व सरल बनाना है। मोदी ने इस अवसर पर एक डिजिटल प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से कंपनी मामलों के मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की पिछले आठ साल की यात्रा को दिखाया गया है। जन समर्थ पोर्टल का उल्लेख करते हुए बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक ए के दास ने कहा कि इससे लाभार्थियों को तेजी से ऋण जारी करने में मदद मिलेगी ओर समय भी बचेगा। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे यह पहल आगे बढ़ेगी, इसमें अधिक योजनाओं को शामिल किया जा सकेगा।

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