उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों से की भावुक अपील - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 29 जून 2022

उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों से की भावुक अपील

uddhav-thackeray-emotional-appeal-to-rebel-mla
मुंबई 28 जून, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को असम के गुवाहाटी में डेरा डाले हुए पार्टी के बागी विधायकों से भावनात्मक अपील की कि वे मुंबई वापस आएं तथा जारी राजनीतिक संकट की समस्या का समाधान खोजने के लिए उनसे अपनी शिकायतों पर चर्चा करें। श्री उद्धव ने यहां एक बयान में कहा,“आप में से कुछ (विधायकों) के परिवार के सदस्यों ने मुझसे संपर्क किया और अपनी भावनाओं से अवगत कराया। मैं शिवसेना परिवार के मुखिया के रूप में आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं।” उन्होंने कहा,“परिवार के मुखिया के रूप में मैं आपको दिल की गहराइयों से कहता हूं कि भ्रम से छुटकारा पाने के लिए, इसका एक निश्चित रास्ता होगा, हम एक साथ बैठेंगे और इससे बाहर निकलने का रास्ता खोजेंगे।” उन्होंने कहा,“किसी के गलत कामों के झांसे में न आएं, शिवसेना ने आपको जो सम्मान दिया है, वह कहीं नहीं मिल सकता। अगर आप आगे आकर बोलेंगे तो रास्ता निकल जाएगा।” श्री ठाकरे ने कहा,“शिवसेना पार्टी प्रमुख और परिवार के मुखिया के रूप में, मैं अभी भी आपके बारे में चिंतित हूं। अंदर आओ, एक नज़र डालें और आनंद लें।” गौरतलब है कि राज्य के मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विद्रोहियों ने खुले तौर पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ संबंध तोड़ने तथा भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने की मांग करते हुए कहा कि यह शिवसेना का स्वाभाविक गठबंधन सहयोगी है। श्री शिंदे का दावा है कि उनके साथ निर्दलीय समेत करीब 50 विधायक हैं। पिछले एक हफ्ते से दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। साथ ही, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर कई बागी नेताओं के कार्यालयों में तोड़फोड़ की और राज्य भर में बागी विधायकों के पोस्टरों पर काली स्याही लगा दी, जबकि बागियों के समर्थक भी राज्य में अपने-अपने विधायकों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: