मधुबनी : प्रभारी मंत्री मधुबनी ने बाढ़ पूर्व तैयारियों का किया विस्तृत समीक्षा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

मधुबनी : प्रभारी मंत्री मधुबनी ने बाढ़ पूर्व तैयारियों का किया विस्तृत समीक्षा

  • आपदा के प्रभाव को कम से कम करना एवम आपदा की स्थिति में पूरी सहजता के साथ ससमय पीड़ितों को राहत उपलब्ध करवाने को लेकर सरकार कृत संकल्पित : प्रभारी मंत्री।
  • जिला प्रशासन द्वारा अब तक की तैयारियो पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा की सभी संबधित विभाग पूरी तत्परता एवम गंभीरता के कार्य करते रहे। डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से बाढ़ पूर्व अब तक कि तैयारियो का दी विस्तृत जानकारी।
  • अब तक कुल 8166 पुल-पुलियो  के भेंट की सफाई कर ली गई। तटबंधों की सुरक्षा हेतु कुल 202 स्थानीय श्रमिकों की नियुक्ति की गई । जिला नियंत्रण कक्ष चार शिफ्ट में 24 घण्टे कार्यरत। वोट एम्बुलेंस के लिए मेडिकल टीम का हुआ गठन । प्रभारी मंत्री ने जिले की विकास एवम कल्याणकारी योजनाओं को ससमय पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने का दिया निर्देश।

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मधुबनी, मंत्री खाध एवम उपभोक्ता संरक्षण विभाग सह प्रभारी मंत्री मधुबनी जिला श्रीमती लेशी सिंह ने डीआरडीए सभागार में बैठक कर बाढ़  पूर्व तैयारियों एवम जिले में चल रही विकास कार्यो एवम कल्याणकारी योजनाओं का  विस्तृत समीक्षा किया। उन्होंने कहा कि आपदा के प्रभाव को कम से कम करना एवम आपदा की स्थिति में पूरी सहजता के साथ ससमय पीड़ितों को राहत उपलब्ध करवाने को लेकर सरकार कृत संकल्पित है। इसको लेकर पूरी गंभीरता के साथ लगातार प्रयास किये जा रहे है। इसके पूर्व जिलाधिकारी,  अरविन्द कुमार वर्मा ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जिले में अबतक की गई बाढ़ पूर्व तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मधुबनी जिला पारंपरिक रूप से आपदा के प्रति संवेदनशील जिला रहा है लगभग 18 नदियों और उसकी सहायक नदियां  जिले से गुजरती हैं। उन्होंने बताया कि जिले की महत्वपूर्ण नदियों के जलस्तर प्रतिदिन प्रति तीन घण्टे पर ली जा रही है। उन्होंने कहा कि जून माह में मधुबनी जिले में 229.7mm औसत बारिश हो चुकी है,जो गत वर्ष जून माह की तुलना में 14.3 mm कम है। जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक के तहत तटबंधों की कुल लंबाई लगभग 85 किलोमीटर है वही बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल टू के तहत तटबंधों की कुल लंबाई 63.62  किलोमीटर है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक में तटबंध की संवेदनशील स्थलों की संख्या 30 है वही बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दो में यह संख्या 29 है। तटबंधों की सुरक्षा हेतु कुल 202 स्थानीय श्रमिकों की नियुक्ति की गई है,जिनका मोबाइल नंबर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक और बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दो के तहत कुल 61 सलुइस गेट हैं ,सभी की जाँच कर ली गई है,जो सभी कार्यशील हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कुल 16 योजनाओं में से 14 योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं शेष के 2 का  कार्य अंतिम चरण में हैं। प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिया कि अपूर्ण योजनाओं को बाढ़ से पूर्व हर हाल में पूर्ण करवा ले। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 8166 पुल-पुलियो  के भेंट की सफाई कर ली गई है। उन्होंने बताया कि जिले की मरम्मती योग सड़कों में अधिकांश की मरम्मत  करवा ली गई है। जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में संभावित बाढ़ के दृष्टिकोण से सरकारी नावों की मरम्मत कर ली गई है और 19 निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। वर्तमान में 158 परिचालन योग्य नावे जिले में उपलब्ध हैं ।इसके अतिरिक्त माननीय विधायक श्री नीतीश मिश्रा एवं माननीय पार्षद श्री घनश्याम ठाकुर द्वारा अनुशंसित 20 नामों का क्रय हेतु निविदा की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। अनुग्रहिक राहत के भुगतान हेतु परिवारों के आधार सीडिंग को अद्यतन करने का काम पूरा कर लिया गया है एवम सूची को अपडेट किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में बाढ़ आश्रय स्थल की पहचान कर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मेगा बाढ़ राहत केंद्र के रूप में कुल 24 स्थानों की पहचान हुई है, जिसमें 28252 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा सकती है। साधारण बाढ़ राहत केंद्र के तहत कुल 227 शिविरों की पहचान   हैं, जिसमे 124705 लोगो की ठहरने की व्यवस्था है। इन सब के लिए सामुदायिक रसोई के लिए 218 स्थानों को भी चिन्हित किया गया है। जिसमें रोजाना कुल 77190 लोग भोजन प्राप्त कर सकते हैं।  सभी चिन्हित बाढ़ आश्रय स्थलों का भौतिक सत्यापन कर लिया गया है और उन जगहों पर पेयजल एवं शौचालय  आदि उपलब्ध है।उन्होंने कहा कि जिला आपातकालीन संचालन केंद्र चार शिफ्ट में 24 x 7 कार्यरत है,जिसका नंबर 0627-222576 है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष की राशि से निर्मित किए जा रहे बाढ़ आश्रय स्थलों के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध करा दी गई है। कुल 8 बाढ़ आश्रय स्थलों में से 02 स्थलों पर निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं शेष स्थलों पर निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। जिले में एसडीआरएफ के लिए आवासन एवं आपदा की स्थिति में रिस्पांस टीमों के प्रशिक्षण हेतु डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी रिस्पांस फैसिलिटी सह ट्रेनिंग सेंटर हेतु 1 एकड़ भूमि बेनीपट्टी प्रखंड में चिन्हित कर विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है । आपदा की घड़ी में मानव स्वास्थ्य के देखभाल हेतु मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी मधुबनी द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं जीवन रक्षक दवाओं, हैलोजन टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, डीटीटी आदि अधिकांश दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा दल का गठन कर लिया गया है। अत्याधिक बाढ़ प्रभावित वाले प्रखंडों यथा मधेपुर फुलपरास घोघरडीहा ,बिस्पि, मधवापुर, बेनीपट्टी एवं लौकीही में वोट एम्बुलेंस के लिए मेडिकल टीम का गठन कर लिया गया है। जिले में पेयजल आपूर्ति के मद्देनजर कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल मधुबनी के द्वारा कुल 1450 एवं लोक स्वास्थ्य प्रमंडल झंझारपुर के द्वारा 1634 इस प्रकार कुल 3084 चापाकल की मरम्मती का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में कुल 7 मरम्मती दल भी कार्यरत है। जिसके माध्यम से मरम्मत हेतु बंद चापाकलों की सूचना प्राप्त होने पर उनकी मरम्मत सुनिश्चित की जाती है।


जिला कृषि पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा विभागीय निर्देश के आलोक में प्रभावित कृषकों को कृषि इनपुट सब्सिडी का भुगतान कर दिया गया है एवम आकस्मिक फसल योजना  बनाई गई है। धान के बिचड़े का आच्छादन, धान की रोपनी एवं   वैकल्पिक फसल जैसे अरहर, तुरिया, उड़द, कुर्थी के फसल लगाने हेतु आकस्मिक फसल योजना की तैयारी कर ली गई है। बीज की आवश्यकता का आकलन कर कृषि विभाग को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।   उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में 209 लाइफ जैकेट हैं एवम 15 मोटर बोट है और चार सेटेलाइट फोन भी उपलब्ध हैं। जिले में संकटग्रस्त समूह की पहचान कर ली गई है जिसकी अनुमानित संख्या 554545 है।प्रभारी मंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा अब तक की गई तैयारी पर  प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा की सभी संबंधित विभाग पूरी तत्परता एवं गंभीरता के साथ कार्य करते रहें तो निश्चित रूप से आपदा के प्रभाव को काफी कम किया जा सकता है।प्रभारी मंत्री ने जिले में चल रही कल्याणकारी एवम विकास योजनाओं के समीक्षा के क्रम में कहा कि जिले की विकास एवम कल्याणकारी योजनाओं को ससमय पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करे। उन्होंने कचरा प्रबंधन योजना, सामुदायिक शौचालय का निर्माण, मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना ,प्रधानमंत्री आवास योजना ,आंगनवाड़ी, मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना, सीमा क्षेत्र विकास योजना ,पेंशन योजना,शिक्षा विभाग की चाल रही योजनाएं सहित सभी महत्वपूर्ण योजनाओं एवम विकास कार्यो का विस्तृत समीक्षा कर संबधित अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने बैठक में उपस्थित माननीय सदस्य द्वारा दी गई महत्वपूर्ण सुझाव के लिए उनको धन्यवाद देते हुए कहा की उनके सुझावों पर गंभीरता पूर्वक अग्रेतर करवाई की जाएगी। उक्त बैठक में माननीय सदस्य बिहार विधान सभा श्री समीर कुमार महासेठ, माननीय जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती बिंदु गुलाब यादव, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा,  उप विकास आयुक्त विशाल राज,एडीएम अवधेश राम ओएसडी सुरेंद्र राय,प्रभारी पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन शाखा सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी,  परिमल कुमार सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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