बिहार : पेरियो विहार में मसूड़ों की बिमारियों पर मंथन शुरू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 16 जुलाई 2022

बिहार : पेरियो विहार में मसूड़ों की बिमारियों पर मंथन शुरू

  • मसूड़े  दांतों के रक्षा कवच, इसे नजरंदाज नहीं करें

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पटना,16 जुलाई। बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज एंड हॉस्पिटल में  दो दिवसीय पेरियो विहार सम्मेलन की शुरुआत हुई।  सम्मेलन का आयोजन  बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज के पेरियोडोंटोलॉजी और इंप्लांटेशन विभाग, पटना चैप्टर के आईएसपी और आईडीए  ने किया है। इस डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर दिव्यांदु मजूमदार और  डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के सचिव प्रोफेसर डॉक्टर सव्यसाची साहा ने  पेरियों  विहार सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन दोनों  ने बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज एंड हॉस्पिटल में बने नवनिर्मित ऑडोटोरियम और सीएडी/सी ए एम यूनिट  का उद्घाटन भी किया। इस यूनिट के स्थापित होने से लोगों को सस्ते कृत्रिम दांत बनवाने में अब सुविधा होगी। पेरियोविहार में बंगलादेश और नेपाल सहित देश के 10 राज्यों के दंत विशेषज्ञों  और पीजी के छात्र - छात्राओं ने भाग लिया।  बिहार में मसूड़ों की बीमारियों पर सम्मेलन पहलीबार हो रहा है। इस सम्मेलन में 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इंडियन सोसाइटी ऑफ पेरियोडोडिंटोलॉजी के अध्यक्ष डॉक्टर मनीष खत्री और इंडियन सोसाइटी ऑफ पीरियोडोंटलॉजी के सचिव ने भी  सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर देवयांदु मजूमदार ने कहा लोगों को ओरल हेल्थ के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। अक्सर लोग ओरल हेल्थ से जुड़ी बीमारियों को  नजरंदाज करते है  जिसके कारण लोगों को भयंकर बीमारियों का खतरा रहता है। मसूड़े की बीमारी एक गंभीर समस्या है इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो उस बीमारी का असर हड्डी सहित अन्य अंगों पर भी पड़ता है। डेंटल कॉन्सिल ऑफ इंडिया के सचिव प्रोफेसर डॉक्टर सव्यसाची साहा ने कहा कि भारत ही नहीं पूरा विश्व  ओरल बीमारियों से जूझ रहा है। जिसके दुष्प्रभाव से लोग मधुमेह, हृदय, फफड़े, मोटापा , गठिया और स्त्रियों में हार्मोन परिवर्तन और जटिल बीमारियां होती हैं। आज मसूड़ों की बीमारी लाइलाज नहीं रही इसका इलाज आसानी से हो सकता है बशर्ते जागरूक रहने की आवश्कता है। पीरियो विहार सम्मेलन के आयोजक मंडल के डॉक्टर अभिषेक वर्मा का कहना है कि पूर्वी भारत में पहली बार इस तरह का आयोजन हुआ है। आप ओरल हेल्थ को नजरंदाज नहीं कर सकते नही तो कैंसर जैसी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। जब आप दंत स्वास्थ्य के बारे में सोचते हैं, तो संभवत: आपका दांतों में कैविटी को रोकने पर ध्यान केंद्रित रहता है। लेकिन आपको अपने मसूड़ों पर भी ध्यान देना जरूरी है। मसूड़े न केवल आपके दांतों के स्वास्थ्य में बल्कि आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ज्यादातर समय, मसूड़ों में सूजन और खून बह रहा मसूड़ों की बीमारी का संकेत है। हालांकि, कई अन्य चीजें मसूड़ों की समस्या का कारण बन सकती हैं। मसूढ़ों में दर्द और दर्द का कारण चाहे जो भी हो, आप कुछ उपाय कर सकते हैं जिससे आप मसूढ़ों को होने वाली क्षति और परेशानी को कम कर सकते हैं। डॉक्टर रजत का कहना है कि मसूड़े हमारे दांतों के लिए एक ऐसे सुरक्षा कवच होते हैं अगर उन्हें किसी भी प्रकार का रोग हो जाए तो वह हमारे दांतों के स्वास्थ्य के लिए बुरे परिणाम दे सकते हैं। इसलिए मसूड़ों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप नियमित रूप से ब्रश तो करते ही हैं लेकिन कुछ विटामिंस की कमी और कीटाणओं की वजह से मसूड़ों से जुड़ा रोग हो जाता है और इनमें से खून आने और सूजन जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। हालांकि,  इलाज की मदद से मसूढे की बीमारी से बचा जा सकता है। सम्मेलन में बी आई डी एस एच के सचिव श्री आर के सिंह, डॉक्टर बिनॉय कुमार सिंह, डॉक्टर टी के पाल, डॉक्टर सुरेंद्र प्रसाद  बी आई डी एस एच के प्रिंसिपल डॉक्टर उज्जवल चटर्जी,  डॉक्टर आनंदिता बनर्जी और डॉक्टर स्वप्निल सिंह ने भाग लिया।

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