साहित्यकार ज्योतिपुंज को भोपाल में मिलेगा सम्मान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 23 जुलाई 2022

साहित्यकार ज्योतिपुंज को भोपाल में मिलेगा सम्मान

jyotipunj-will-get-respect-in-bhopal
उदयपुर, 23 जुलाई, केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित जिले के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जयप्रकाश पंड्या ज्योतिपुंज को भोपाल में गुरु वंदना महोत्सव में शीर्ष साहित्यकार अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा । युग धारा संस्थान के अध्यक्ष अशोक जैन ने बताया कि साहित्य संगीत और कलाओं की मानक संस्था मधुबन भोपाल के गुरु शिष्य परंपरा पर आगामी 30 जुलाई को आयोजित होने वाले गुरु वंदना महोत्सव भोपाल में डॉ .जयप्रकाश पंड्या ज्योतिपुंज को सम्मानित किया जायेगा। राजस्थानी वागड़ी एवं हिन्दी भाषा के विख्यात साहित्यकार ज्योतिपुंज द्वारा रचित नाटक कंकू कबंध के लिये उन्हें 2000 में केंद्रीय साहित्य अकादमी,दिल्ली पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। डा ज्योतिपुंज द्वारा लिखित नई टापरी का नया दुःख(कहानी संग्रह,) पर निरंजननाथ आचार्य सम्मान, तुम्हारे न होने का आभास (काव्य संग्रह) बोलो मनु बोलते क्यों नहीं (महाकाव्य) पर राजस्थान साहित्य अकादमी मीरा पुरस्कार, बोल डूंगरी डब डबुक (काव्य) पर सूर्यमल मिश्रण पुरुस्कार तथा महाराणा कुम्भा पुरुस्कार से भी सम्मानित है।

कोई टिप्पणी नहीं: