गोटाबाया के देश छोड़ने में भूमिका नहीं : भारत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 14 जुलाई 2022

गोटाबाया के देश छोड़ने में भूमिका नहीं : भारत

no-role-in-gotabaya-leaving-the-country-india
नयी दिल्ली 14 जुलाई, श्रीलंका में जारी राजनीतिक संकट के बीच भारत ने गुरूवार को कहा कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए है और स्थिति के लोकतांत्रिक तरीके से जल्द सामान्य होने को लेकर आशान्वित है। भारत की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़ कर जाने में उसकी कोई भूमिका नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्रीलंका के लोगों को आगे बढने तथा समाधान तलाशने की जरूरत है और भारत श्रीलंका के लोगों को हर संभव सहयोग देने को तैयार है। प्रवक्ता ने श्रीलंका से संबंधित सवालों के जवाब में कहा कि क्षेत्र सभी देशों में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करना भारत की पड़ोसी पहले की नीति और सागर सिद्धांत का महत्वपूर्ण पहलू है और श्रीलंका के मामले में भी यही बात लागू होती है। उन्होंने कहा कि भारत के श्रीलंका के साथ निकटवर्ती संबंध हैं और श्रीलंका के लोगों के समक्ष उत्पन्न चुनौती से निपटने में मदद के लिए भारत ने अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हम श्रीलंका के लोगो के साथ खड़े हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं: