बिहार : विश्‍वास मत पर वोटिंग करवाएंगे विजय सिन्‍हा ! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

बिहार : विश्‍वास मत पर वोटिंग करवाएंगे विजय सिन्‍हा !

  • विशेष सत्र में नहीं हो पायेगा नये स्‍पीकर का चुनाव

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विधानमंडल का विशेष सत्र 24 और 25 अगस्‍त को बुलाया गया है। 24 अगस्‍त को विधान सभा की बैठक होगी और 25 अगस्‍त को विधान परिषद की बैठक होगी। विधान परिषद की बैठक में नये सभापति का चुनाव किया जायेगा, लेकिन विधान सभा की बैठक में क्‍या होगा, अभी तय नहीं है। 24 अगस्‍त को नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में नवगठित महागठबंधन सरकार अपना बहुमत साबित करेगी यानी विश्‍वास मत हासिल करेगी। इसी दिन स्‍पीकर विजय कुमार सिन्‍हा के खिलाफ अविश्‍वास की नोटिस पर बहस होगी और मतदान होगा। 10 अगस्‍त को सत्‍ता पक्ष के लगभग 50 सदस्‍यों ने अविश्‍वास की नोटिस दिया था। संविधान की व्‍यवस्‍था के अनुसार, 14 दिनों के बाद उस पर सदन में चर्चा हो सकती है। इस‍ लिहाज से 24 अगस्‍त को अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा होगी। 24 अगस्‍त को 11 बजे विधान सभा की बैठक शुरू होगी तो आसन पर स्‍पीकर विजय कुमार सिन्‍हा ही होंगे। अविश्‍वास प्रस्‍ताव की नोटिस स्‍पीकर के अधिकार में कटौती नहीं करता है। संविधान में नोटिस के आधार पर स्‍पीकर के किसी वित्‍तीय या विधायी आधार पर रोक नहीं लगाता है। विधान सभा की कार्यसंचालन नियमावली स्‍पीकर के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने के तरीके पर दिशा निर्देश देता है, जिसमें कहा गया है कि जब अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा होगी तो आसन पर स्‍पीकर नहीं होंगे। एक बात तय हो गयी है कि स्‍पीकर विजय कुमार सिन्‍हा अपने पद से इस्‍तीफा नहीं देंगे और अविश्‍वास प्रस्‍ताव का सामना करेंगे। लेकिन सवाल यह है कि 24 अगस्‍त की कार्यसूची में पहले स्‍पीकर के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा होगी या पहले सरकार विश्‍वास मत हासिल करेगी। स्‍पीकर के रूप में कार्यसूची निर्धारण का अधिकार भी विजय सिन्‍हा का होगा। अगर उन्‍होंने कार्य सूची में पहला स्‍थान सरकार के विश्‍वास मत को‍ दिया तो सदन में पहले सरकार के विश्‍वास मत पर चर्चा होगी। वैसी स्थिति में आसन पर विजय कुमार‍ सिन्‍हा ही होंगे और बैठक की अध्‍यक्षता भी वही करेंगे। इसका आशय है कि महागठबंधन सरकार विजय सिन्‍हा की अध्‍यक्षता में ही अपना विश्‍वास मत हासिल करेगी। इसके बाद स्‍पीकर के सामने दो विकल्‍प होगा। पहला यह है कि महागठबंधन सरकार के बहुमत हासिल करने के बाद विजय सिन्‍हा अपने पद से इस्‍तीफा दे दें। दूसरा विकल्‍प यह है कि वे सदन की कार्यसूची के अनुसार, अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा और मतदान के दौरान आसन छोड़कर चले जाएं। वैसी स्थिति में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा की अध्‍यक्षता उपाध्‍यक्ष महेश्‍वर हजारी करेंगे। दरअसल यह सब कुछ 23 अगस्‍त को बैठक की कार्यसूची जारी होने के बाद ही स्‍पष्‍ट होगा। यदि अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर पहले चर्चा तय होती है तो भी सदन की बैठक की शुरुआत स्‍पीकर के रूप में विजय सिन्हा ही करेंगे। इसके बाद भले अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के दौरान सदन छोड़ सकते हैं। वर्तमान राजनीतिक माहौल में भाजपा सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी और इसी रणनीति के तहत भाजपा सदन में स्‍पीकर के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा चाहती है। इस बीच, यह भी स्‍पष्‍ट हो गया है कि 24 अगस्‍त को नये स्‍पीकर का चुनाव संभव नहीं है। इसकी तकनीकी वजह है। स्‍पीकर के इस्‍तीफे या अविश्‍वास प्रस्‍ताव पारित होने के बाद इसकी सूचना राज्‍यपाल को भेजी जाएगी कि स्‍पीकर का पद खाली हो गया है। इसके बाद राज्‍यपाल नये अध्‍यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी करेंगे। कैबिनेट अध्‍यक्ष के चुनाव के लिए विधान मंडल का सत्र बुलायेगी और फिर नये अध्‍यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है। हालांकि राज्‍यपाल के पास यह अधिकार है कि वे उपाध्‍यक्ष को कार्यकारी अध्‍यक्ष के रूप में नामित कर सकते हैं। जैसा कि विधान परिषद के उपाध्‍यक्ष हारुन रसीद दो-ढाई सालों तक कार्यकारी सभापति की जिम्‍मेवारी का निर्वाह करते रहे थे। लेकिन सरकार बहुत जल्‍दबाजी में होगी तो भी कम से एक सप्‍ताह का अतिरिक्‍त समय अध्‍यक्ष के चुनाव में लग सकता है। यानी सरकार 31 अगस्‍त से पहले नये अध्‍यक्ष का चुनाव नहीं करवा सकती है। एक बार फिर स्‍पष्‍ट कर दें कि विजय सिन्‍हा ने 22 तारीख से पहले इस्‍तीफा दे दिया तो विशेष सत्र में नये स्‍पीकर का चुनाव संभव हो सकता है, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। 



--- वीरेंद्र यादव, वरिष्‍ठ संसदीय पत्रकार, पटना --- 

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