नयी दिल्ली, 11 अगस्त, 'मुफ्त की रेवड़ी' और सब्सिडी पर छिड़ी राजनैतिक बहस के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि गरीबों और जरूरतमंदों को स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा देना केंद्र सरकार की कल्याणकारी नीतियों और कार्यकर्मों का मुख्य अंग है और इसे मुफ्त की रेवड़ी कहना मुद्दे को भटकाना है। उन्हाेंने कहा कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं हर सरकार की प्राथमिकता रही हैं लेकिन बिजली और पानी मुफ्त देने तथा सब्सिडी देने के मुद्दे पर स्वस्थ बहस होनी चाहिए। वित्त मंत्री ने यह बात ऐसे समय कही है जबकि राज्यों की वित्तीय सेहत के संदर्भ में मुफ्त रेवड़ी बांटने की राजनीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे कुछ नेता यह प्रचार कर रहे हैं कि वर्तमान केंद्र सरकार गरीबों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों के पक्ष में नहीं है। श्रीमती सीतारमण ने यहां कुछ संवाददाताओं से एक अनौपचारिक बातचीत में कहा,“ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 'मुफ्त की रेवड़ी' की बहस को ओछा रंग देने का प्रयास किया है। स्वास्थ्य और शिक्षा के कार्यक्रमों को कभी भी मुफ्त की रेवड़ी नहीं माना गया है। भारत में किसी भी सरकार ने कभी भी गरीबों को इससे वंचित नहीं किया है। श्री केजरीवाल शिक्षा और स्वास्थ्य को मुफ्त की रेवड़ी की श्रेणी में प्रस्तुत करके गरीबों के मन में एक डर और चिंता पैदा करना चाहते हैं। ” उन्होंने कहा,'इस विषय पर ईमानदारी से बात और बहस होनी चाहिए। ” श्रीमती सीतारमण ने कहा कि देश में सरकारों की सोच और विचारधारा कुछ भी रही हो, स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के छह प्रतिशत तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि बहुत से दल राजनैतिक फायदे के लिए बिजली और पानी जैसी सुविधाएं मुफ्त देने के वायदे कर रहे हैं। इसको लेकर अर्थशास्त्रियों के एक वर्ग ने चिंता जतायी है कि ऐसा करने से सरकारों की वित्तीय स्थिति चरमरा जाएगी।
गुरुवार, 11 अगस्त 2022
केजरीवाल ने मुफ्त की रेवड़ी की बहस को विकृत रूप दिया : सीतारमण
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