नयी दिल्ली 15 सितम्बर, असम में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केन्द्र सरकार ने गुरूवार को राज्य के आठ आदिवासी गुटों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये। केन्द्र सरकार, आदिवासी संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर के समय केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। श्री शाह ने इस मौके पर कहा कि असम और पूर्वोत्तर के लिए यह महत्वपूर्ण दिन है और वह सभी आदिवासी गुटों को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि सरकार इस समझौते का पूरी तरह से पालन करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इससे पहले भी जो समझौते किये हैं उनकी शर्तों पर वह खरी उतरी है और उन्हें पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए निरंतर काम कर रही है और वर्ष 2024 से पहले पूर्वोत्तर से संबंधित सभी विवादों का समाधान करने की दिशा में मजबूती से कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य विकास को गति देकर पूर्वोत्तर को देश के अन्य राज्यों के साथ बराबरी पर लाना है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस समझौते के बाद करीब 1100 युवा आदिवासी हथियार छोड़ कर मुख्यधारा में आ जायेंगे। सरकार ने असम के 60 प्रतिशत क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को हटाने में सफलता हासिल की है। अन्य राज्यों में भी इस अधिनियम को धीरे धीरे हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की सामाजिक , सांस्कृतिक और शैक्षणिक आकांक्षाओं को पूरा किया जा रहा है साथ ही आदिवासी समुदाय की पहचान को भी बरकरार रखा जायेगा। श्री शाह ने कहा कि असम सरकार एक जनजातीय कल्याण परिषद की स्थापना करेगी। सरकार ने पांच वर्ष के लिए एक विशेष पैकेज की भी घोषणा की है। हम चाहते हैं कि असम उग्रवाद और मादक पदार्थों की समस्या से मुक्त बने। समझौता करने वाले संगठनों में बिरसा कमांडो फोर्स, आदिवासी कोबरा मिलिट्री ऑफ असम, आदिवासी पीपुल्स आर्मी और संथाल टाइगर फोर्स आदि शामिल हैं। इन संगठनों के साथ पहले से ही संघर्ष विराम चल रहा है। समझौते पर बिरसा कमांडो फोर्स के दुर्गा हसदा, एसीएमए के आशिम हसदा, एएएनएलए के दिपेन नायक, एपीए के मंडल हसदा, एसटीएफ के पी हेमब्रोम , एएएनएलए (एफजी) के अमृत बेक, सीसीएफ (बीटी) के टिकू टूडू और एसीएमए (एफजी) के एस हेमब्रोम ने हस्ताक्षर किये। श्री सरमा ने इस मौके पर कहा कि यह दिन असम के लिए ऐतिहासिक है और आदिवासी विद्रोही संगठनों के साथ लंबे समय से इस बारे में बातचीत चल रही थी लेकिन कोई सहमति नही बन पा रही थी। उन्होंने कहा कि काफी विचार विमर्श के बाद सभी इस समाधान पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि इससे आदिवासी समुदाय को न्याय मिलेगा और आदिवासी क्षेत्रों में विकास की गति बढेगी। हजारों युवा आदिवासी हथियार छोड़ कर मुख्यधारा में आ जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समझौते को केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में पूरी तरह लागू करेगी।
गुरुवार, 15 सितंबर 2022
केन्द्र और असम के आठ आदिवासी गुटों के बीच शांति समझौता
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