विजय सिंह ,लाइव आर्यावर्त, रूस के हमले के बाद तबाही के कगार पर पहुंचे यूक्रेन से रेल पहियों के आयात ठप्प होने के प्रतिफल स्वरुप आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भारतीय रेल ने पहली बार देश में ही निजी कंपनियों के माध्यम से रेलवे के पहियों के निर्माण करने का फैसला किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैषणव ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि प्रति वर्ष न्यूनतम अस्सी हजार से एक लाख पहियों का निर्माण निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा मेक इन इंडिया संयत्र के माध्यम से निर्मित करवाने की योजना को मूर्त रूप देने के लिए निविदा जारी की गई है। रेल मंत्री ने भारतीय कंपनियों को पहियों के निर्यातक बनने के लिए तदनुरूप तैयारी करने का आह्वान करने के साथ ही लगभग 600 करोड़ रुपये मूल्य की खरीद सुनिश्चित करने की बात कही। रेल मंत्रालय के मुताबिक उन्हीं निजी कंपनियों की निविदा को प्राथमिकता दी जाएगी जो पहियों के देशी निर्माण संयत्र स्थापित करने के साथ ही यूरोपीय बाज़ारों में भारत में बने रेल पहियों का निर्यात करने में सक्षम होंगे। निविदा में अगले 18 महीनों में मेक इन इंडिया संयत्र स्थापित करने की शर्त भी शामिल है । अब तक तेज गति की ट्रेनों के लिए भारतीय रेलवे १९६० से ही यूरोपीय देशों यूक्रेन, जर्मनी और चेक गणराज्य से पहियों का आयत करता आया ह। देश में तेज गति की ट्रेनों के लिए प्रतिवर्ष २ लाख पहियों की आवश्यकता होती है जिनमें एक लाख पहियों का निर्माण सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ) संयत्रों में किया जायेगा और शेष एक लाख पहियों का निर्माण मेक इन इंडिया संयंत्र के अंतर्गत निजी कंपनियां करेंगीं।
सोमवार, 12 सितंबर 2022
रेल के पहिये होंगे मेक इन इंडिया
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