नयी दिल्ली, 15 सितंबर, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समग्र शिक्षा प्रणाली पर ध्यान देने की जरूरत बताते हुए कहा है कि देश में शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। श्री प्रधान ने गुरुवार को प्रधान ने पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए रामकृष्ण मिशन के ‘जागृति’ कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि शिक्षा प्रणाली हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप होनी चाहिए क्योंकि हमें 21वीं सदी के ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है जो वैश्विक जिम्मेदारियां निभाने में सक्षम हों। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए शिक्षक के नेतृत्व वाली समग्र शिक्षा प्रणाली पर ध्यान देने के साथ सरकार ने जो नयी शिक्षा प्रणाली 2020 बनाई है वह उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। श्री प्रधान ने कहा कि नयी शिक्षा नीति स्वामी विवेकानंद के दर्शन से गहराई से प्रेरित है और उन्हीं केक सिद्धांत पर हमारे महापुरुषों ने एक ऐसी शिक्षा प्रणाली की कल्पना की थी जो देश को आगे ले जाने के लिए प्रगतिशील हो और हमारे सभ्यतागत मूल्यों में निहित हो। सामाजिक परिवर्तन को शिक्षा के प्रमुख लक्ष्यों में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि भौतिक धन से ज्यादा महत्वपूर्ण मूल्य और ज्ञान हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए तैयार और सामाजिक रूप से जागरूक पीढ़ी के निर्माण के लिए मूल्य आधारित शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और नयी शिक्षा नीति 2020 में की गई अनूठी पहल बच्चे के समग्र व्यक्तित्व के विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
गुरुवार, 15 सितंबर 2022
राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हो शिक्षा प्रणाली का आधार : प्रधान
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