बिहार : 'वेटिंग फॉर वीज़ा' की प्रासंगिक नाट्य प्रस्तुति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 29 सितंबर 2022

बिहार : 'वेटिंग फॉर वीज़ा' की प्रासंगिक नाट्य प्रस्तुति

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पटना,  शहीद भगतसिंह जयंती पर प्रेमचंद रंगशाला में  हिरावल द्वारा 'वेटिंग फॉर वीज़ा' नाटक का मंचन किया गया। दरअसल यह डॉ. बी आर अम्बेडकर की आत्मकथात्मक पुस्तक 'वेटिंग फॉर अ वीज़ा' का संतोष झा द्वारा किया गया नाट्य रूपांतरण है।इस नाटक के मंचन से पूर्व हरिशंकर परसाई की रचना पर आधारित एक नुक्कड़ नाटक 'लवर्स रिटर्न' की भी प्रस्तुति की गयी, जिसे उत्तम कुमार ने निर्देशित किया था। जिस तरह सरकार संविधान के प्रति उदासीन है, उसकी रुचि लोक कल्याण से अधिक भ्रांति फैलाकर आपसी मतभेद बढ़ाने की है , उस वक्त जब संविधान को हर हाल में बचा लेना आज की बड़ी चुनौती है। 'वेटिंग फॉर वीज़ा' आज भी प्रासंगिक है। आज भी अस्पृश्यता की समस्या खत्म नहीं हुई  है। अंबेडकर जैसे सशक्त और प्रखर विद्वान को भी छुआछूत और भेदभाव जैसी घिनौनी प्रथा से गुजरना पड़ा था। नाटक में उनके ही जीवन की तीन घटनाओं को कलाकारों ने बेहद संवेदनशीलता से अभिव्यक्त किया है। इस नाटक के जरिए निर्देशक संतोष झा ने तीन ज़रूरी कविताओं का बेहद  सार्थक और मर्मबेधक संयोजन किया है। अंतिम दृश्य दर्शकों को सिर्फ़ मर्माहत ही नहीं करता बल्कि कई सवाल भी खड़े करता है। एक अहम सवाल यह है कि क्या वाकई नागरिक अधिकार के दायरे से अब भी एक वर्ग दूर है। 


इस नाटक को सफल बनाने में जिन लोगों की सहभागिता रही : (मंच पर)

अंबेडकर (सूत्रधार) : संजय किशोर, अंबेडकर (किशोर): विवान सिद्द, अंबेडकर (युवा) : संजीव कुमार, अंबेडकर (बुजुर्ग): मृत्युंजय प्रसाद, काकी: प्रीति प्रभा, बड़ा भाई: जसीम अकरम, छोटा भाई: विशाल, पारसी 1:  शफा बारी, पारसी 2: बलवंत सिंह बल्लू , तांगा वाला: प्रवीन कुमार, माधव : प्रभाकर सिंह, सराय का मैनेजर: संजीव कुमार सिंह, चुंगी वाला : रवि राज नारायण, हवलदार: रवि कुमार, स्टेशन मास्टर: शिवांग

(परे मंच) लाइट : रौशन, मेकअप: जितेंद्र कुमार जीतू, पार्श्व संगीत : सत्यम, प्रॉपर्टी इंचार्ज : रवि राज नारायण, साज सज्जा: मृत्युंजय प्रसाद, रिहर्सल इंचार्ज : प्रकाश कुमार, प्रेस/ मीडिया : प्रशांत विप्लवी/प्रीति प्रभा, स्पेशल सुपरवाइजर : राजन कुमार/ सुमन कुमार, प्रोडक्शन कंट्रोलर : राजेश कमल/ राम कुमार, निर्देशक : संतोष झा

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