- सलाहकार दिनेश मुनि ने दिया मंगल पाठ, महावीर निर्वाण संवत् 2549 प्रारम्भ
डॉण् द्वीपेन्द्र मुनि द्वारा ष्गौतम प्रतिपदाष् के महत्व को समझाया।
श्रमण डॉण् पुष्पेन्द्र द्वारा तीर्थंकर भगवान महावीर की अन्तिम वाणी श्री उतराध्ययन सूत्र के अन्तिम 36 वें अध्ययन का मूल वाचन किया। इससे पूर्व सामूहिक रुप से ष्जय महवीर प्रभुष् का आरती गान किया गया। व वीर स्तुति का पाठ लतिका चंगेढिया ने प्रस्तुत किया। खीर प्रभावना वितरण चातुर्मास के चार माह के गौतम प्रसादी लाभार्थी परिवार सुश्राविका इंदुबाई ललवाणीए श्री प्रदीप . प्रतिभा ललवानी परिवार ने लिया।
महावीर निर्वाण संवत् 2549 प्रारम्भ
श्रमण डॉ पुष्पेन्द्र ने जानकारी देते हुए बताया कि जैनधर्म में भी भगवान् महावीर की निर्वाण तिथि के आधार पर वीर निर्वाण संवत् का प्रचलन है। यह हिजरीए विक्रमए ईसवीए शक आदि सभी संवतों से अधिक पुराना है एवं जैनधर्म की प्राचीनता व अपने मान्यता का उद्घोषक है। वर्ष 1912 में अजमेर जिले में बडली गाँव ;भिनय तहसीलए राजस्थानद्ध से प्राप्त ईसा से 443 वर्ष पूर्व के ष्84 वीर संवतष् लिखित प्राचीन प्राकृत युक्त ब्रहमी शिलालेख से की गयीए शिलालेख अजमेर के श्राजपूताना संग्रहालयश् में संगृहीत है! प्राचीन षटकोणीय पिलर पर अंकित चार लाइनों वाले शिलालेख की प्रथम लाइन में ष्वीरष् शब्द भगवान महावीर स्वामी को संबोधित है और दूसरी लाइन में निर्वाण से 84 वर्ष अंकित हैए जो भगवान महावीर निर्वाण के 84 वर्ष बाद लिखे जाने को दर्शाता है। महावीर निर्वाण संवत् भगवान् महावीर के निर्वाण होने से अगले दिन ही कार्तिक सुदी १ से प्रारम्भ हुआ और आज से संवत् 2549 प्रारम्भ हुआ है। इस नूतन वर्ष पर सलाहकार दिनेश मुनि ने श्रद्धालुजनों को विविध मंत्रोच्चार के साथ पांच मंगलपाठ श्रवण करवाये और नववर्ष की बधाई व आशीर्वाद प्रदान किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें