टाटा द्वारा बिजली बिल में अतिरिक्त राशि वसूलने से क्षोभ ,मिलेगा जमा राशि पर ब्याज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 27 अक्तूबर 2022

टाटा द्वारा बिजली बिल में अतिरिक्त राशि वसूलने से क्षोभ ,मिलेगा जमा राशि पर ब्याज

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विजय सिंह ,लाइव आर्यावर्त ,जमशेदपुर ,26  अक्टूबर। जमशेदपुर शहर में कंपनी कमांड क्षेत्र में बिजली पानी व नागरिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड ( टीएसयूआईएसएल,पूर्व नाम -जुस्को ) द्वारा उपभोक्ताओं को भेजे जा रहे बिजली पानी के बिल में पुराने बिल ( ओल्ड बैलेंस ) के मद में अतिरिक्त राशि का भुगतान माँगा जा रहा है जबकि अधिकतम उपभोक्ताओं का कोई भी पुराना बिल बकाया नहीं है।इससे पूरे शहर में उपभोक्ताओं के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है और लोग कंपनी के इस कदम को संशय भरी नजर से देख रहे हैं। कई इलाके के उपभोक्ताओं ने तो कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को विश्वास में लिए बिना जबरन अतिरिक्त वसूली के खिलाफ कंपनी का रुख स्पष्ट होने तक चालू माह का भुगतान करने से भी परहेज कर रखा है। काशीडीह क्षेत्र में रहने वाले उपभोक्ता टी.प्रसाद ने कंपनी के इस कदम को जनहित के विरुद्ध बताया वहीं बाराद्वारी निवासी निकिता ,गोलमुरी में रहने वाले शैलेन्द्र ,भुइंयाडीह निवासी विनय,साकची के दिलीप ,बिष्टुपुर के जफ़र और कदमा निवासी शशिभूषण ने उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय भार डाले जाने पर कंपनी के रवैये की निंदा की। टीएसयूआईएसएल (जुस्को ) से पूछे जाने पर कंपनी की प्रवक्ता सुकन्या दास ने " लाइव आर्यावर्त " को बताया कि बिजली बिल में दिखने वाला पुराना शेष ( ओल्ड बैलेंस ) दरअसल अतिरिक्त सुरक्षा जमा राशि का मूल्य है ,जिसका भुगतान करना उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक है। चूँकि बिल में अतिरिक्त सुरक्षा जमा राशि का कोई स्थान निर्दिष्ट नहीं है इसलिए ओल्ड बैलेंस के नाम से बिल में दर्शाया जा रहा है। कंपनी के मुताबिक सभी प्रकार की सुरक्षा जमा राशि पर वित्तीय वर्षांत पर 31 मार्च को ब्याज की गणना की जाती है और अप्रैल माह के बिल में उक्त राशि को समाहित कर दिया जाता है। कुछ वित्तीय जानकार इसे कंपनी द्वारा जनता से बिजली बिल के अतिरिक्त सुरक्षा जमा राशि के नाम पर कंपनी द्वारा पूंजी संचय करना भी बताते हैं। दो महीने के बकाया बिजली बिल पर बिजली कनेक्शन विच्छेद कर पुनः बिजली लाइन जोड़ने पर जुर्माना वसूलने को तत्पर कंपनी इस निर्णय को चाहे जिस तरह से सही साबित करने की कोशिश करे परन्तु उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय भार डालने से शहरवासियों में क्षोभ जरूर व्याप्त है। मजे की बात यह कि कंपनी के इस फैसले पर सरकार ,सांसद ,विधायक , पूर्व विधायक और जन सरोकार के ठेकेदारों ने भी यथावत चुप्पी साध रखा है। 

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