कृषि में अगर पंजाब के बराबर आय कर दें तो बिहार का आधा कष्ट खत्म हो जाएगा - प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा के दौरान किसानों से बात करते हुए कहा कि बिहार में कृषि मुताबिक प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। यहां के किसान मेहनती हैं और बिहार में पानी की कोई कमी नहीं है। यहाँ पानी ज्यादा है, लोग मेहनतकश है, जमीन की उपजाऊ क्षमता बाक़ी राज्यों से बेहतर है, ना यहां पंजाब व हरियाणा जैसे राज्यों के बीच नहरों का विवाद है इसके बावजूद यहाँ किसानो की हालत देश में सबसे ख़राब है। बिहार में किसानों को ना समय से खाद मिल पाती है ना उनकी फसलों का भुगतान। किसानों को बीज के लिए भटकना पड़ता है, यदि बिहार के किसानो की आय पंजाब के किसानों के बराबर कर दिया जाए तो बिहार का आधा कष्ट ख़त्म हो जाएगा। प्रशांत किशोर ने जन सुराज 5 मई को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया था कि 2 अक्तूबर से वो पूरे बिहार की पदयात्रा पर निकलेंगे। 2 अक्तूबर के दिन उन्होंने बिहार के पश्चिम चंपारण जिले स्थित भितिहरवा गांधी आश्रम से इस पदयात्रा की शुरुआत की। आज 3 अक्तूबर को पदयात्रा के दूसरे दिन प्रशांत किशोर ने 10 किमी का सफर पैदल तय किया। यात्रा की शुरुआत गौनाहा प्रखंड से पैदल चलते हुए प्रशांत किशोर और उनके साथ सैकड़ों पदयात्री रात्रि विश्राम के लिए जमुनिया पहुंचे।
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