बिहार : कांग्रेस ने मनाई बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की 135 वीं जयंती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2022

बिहार : कांग्रेस ने मनाई बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की 135 वीं जयंती

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पटना. आधुनिक बिहार के निर्माता और बिहार के पहले मुख्यमंत्री बिहार केसरी स्व. श्रीकृष्ण सिंह की 135 वीं जयंती प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में मनाई गई। स्व. श्रीकृष्ण सिंह के तैल चित्र पर कांग्रेसजन ने पुष्पांजलि अर्पित की. इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा  ने कहा कि श्रीकृष्ण बाबू आधुनिक बिहार के निर्माता रहें हैं और देश की आजादी के लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के नेता रहें हैं.उन्होंने बिहार के विकास को राह प्रदान किया. बरौनी और पतरातू थर्मल पावर स्टेशन से लेकर बरौनी तेल शोधक कारखाना, बोकारो स्टील कारखाना, बरौनी व सिंदरी सीमेंट कारखाना, हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन आदि प्रमुख कारखानों को उन्होंने अविभाजित बिहार लगने का मार्ग प्रशस्त किया. श्रीकृष्ण बाबू आजादी के लड़ाई में देश को दिशा देने वाले नेताओं में से एक रहें हैं. सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि आधुनिक बिहार के निर्माण में श्रीकृष्ण बाबू का योगदान अविस्मरणीय है.बिहार को प्रगति पथ पर अग्रसर करने में उनकी अहम भूमिका रही है. जयंती कार्यक्रम में सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी, डॉ. समीर कुमार सिंह, मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़,  पूर्व मंत्री वीणा शाही, पूर्व विधायक नरेन्द्र कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, लाल बाबु लाल, ज्ञान रंजन, संजीव कुमार कर्मवीर, नागेन्द्र कुमार विकल, अम्बुज किशोर झा,  मृणाल अनामय, अरविंद लाल रजक, शशिकांत तिवारी,धनञ्जय शर्मा, डॉ. आशुतोष शर्मा, उमेश राम, गुरुदयाल सिंह, अजय कुमार यादव, उदय शंकर पटेल,  राजेश मिश्रा, सुधा मिश्र, ललन यादव,निधि पाण्डेय, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, मिथिलेश शर्मा मधुकर, प्रदुमन यादव, मृगेंद्र कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह, तारिणी ऋषिदेव, रंजन कुमार यादव, रोहित कुमार पासवान, यशवंत कुमार चमन, आर्य अंचित, राकेश पटेल, निरंजन कुमार, विनय उपाध्याय, ताहिर अनीस खान समेत प्रमुख नेतागण मौजूद रहें.  बता दें कि बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती को लेकर राज्य में जमकर राजनीति हो रही है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों श्रीकृष्ण सिंह के रास्ते पर चलने की बात कर रहे हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. बताते चलें कि श्रीकृष्ण सिंह जब तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे तब तक बिहार देश के टॉप राज्यों में शामिल रहा है. लेकिन आज की स्थिति किसी से छिपी हुई नहीं हैं. इसके अलावे अगड़ी जाति से आने के बावजूद श्रीकृष्ण सिंह ने दलितों और वंचितों के लिए जो कुछ भी किया, शायद आज दलित नेता भी इस समाज के लिए उतना नहीं कर सके और यही वजह है कि श्री बाबू का नाम दलित नेता भी अदब के साथ लेते हैं.

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