बिहार सरकार भी शीतकालीन सत्र में आरक्षण बढ़ाने का लाए प्रस्ताव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 13 नवंबर 2022

बिहार सरकार भी शीतकालीन सत्र में आरक्षण बढ़ाने का लाए प्रस्ताव

  • झारखंड में वंचित समुदाय के आरक्षण को बढ़ाने का फैसला स्वागतयोग्य: माले
  • बिहार सरकार भी शीतकालीन सत्र में आरक्षण बढ़ाने का लाए प्रस्ताव 

cpi-ml-kunal
पटना. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने झारखंड विधानसभा द्वारा एसी/एसटी/ओबीसी/ईबीसी जातियों को राज्य के सरकारी पदों व सेवाओं में आरक्षण के दायरे को बढ़ाने को लेकर कल पारित किए गए आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि अब बिहार सरकार को भी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में दलितों-पिछड़ों के आरक्षण के दायरे को बढ़ाने का प्रस्ताव लेकर आना चाहिए. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस आशय का बयान दिया था. हमने पहले भी कहा है कि संविधान की मूल भावना से खिलवाड़ करते हुए आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के नाम पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जिसमें दलितों-अतिपिछड़ों-पिछड़ों के गरीबों को शामिल नहीं किया गया है. इसलिए अब वक्त की मांग है कि वंचित समुदाय के लिए जारी आरक्षण की सीमा बढ़नी चाहिए और इस मामले में बिहार सरकार को तत्काल पहल लेनी चाहिए.

कोई टिप्पणी नहीं: