--- वीरेंद्र यादव न्यूज ----
समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर से सीपीएम के विधायक हैं अजय कुमार। वे कहते हैं कि विधान सभा जन अपेक्षाओं को पूरा करने की सबसे बड़ी जगह है। लेकिन वहां की वैधानिक प्रक्रिया दिखावटी रह गयी है। साल में तीन बार सत्र बुलाना संवैधानिक बाध्यता है, इसलिए सदन की बैठक बुलाई जाती है, लेकिन कोई काम नहीं होता है। वे कहते हैं कि पूर्व स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के कार्यकाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था समाप्त हो गयी थी। विधायकों के अधिकार और कर्तव्य दिखावटी और रस्म अदायगी भर रह गये थे। विधायकों के सवालों का जवाब भी सही नहीं मिलता है। अजय कुमार ने कहा कि बिहार में पोद्दार जाति ओबीसी की श्रेणी में आती है, लेकिन केंद्र सरकार की सूची में इस जाति का नाम ही नहीं है। इस संबंध में जब विधान सभा में सवाल उठाया तो सरकार जवाब ही नहीं दे पायी, जबकि केंद्र सरकार कहती है कि राज्य सरकार ने पोद्दार जाति के संबंध में कोई अनुरोध ही नहीं भेजा है। केंद्रीय सूची में शामिल नहीं होने के कारण पोद्दार जाति को केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है। वे कहते हैं कि एक विधायक तीन-चार लाख लोगों का प्रतिनिधि होता है। उनसे आम लोगों की अपेक्षा जुड़ी होती है। लेकिन विधान सभा जनाकांक्षाओं को पूरा करने में विफल साबित हुई है और इसकी पूरी प्रक्रिया रस्म बनकर रह गयी है।
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